न्यू मीडिया में हिन्दी भाषा, साहित्य एवं शोध को समर्पित अव्यावसायिक अकादमिक अभिक्रम

डॉ. शैलेश शुक्ला

सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

सृजन ऑस्ट्रेलिया | SRIJAN AUSTRALIA

विक्टोरिया, ऑस्ट्रेलिया से प्रकाशित, विशेषज्ञों द्वारा समीक्षित, बहुविषयक अंतर्राष्ट्रीय ई-पत्रिका

A Multidisciplinary Peer Reviewed International E-Journal Published from, Victoria, Australia

डॉ. शैलेश शुक्ला

सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं
प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

श्रीमती पूनम चतुर्वेदी शुक्ला

सुप्रसिद्ध चित्रकार, समाजसेवी एवं
मुख्य संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

नरेश शांडिल्य के दोहे

Spread the love
image_pdfimage_print

जागा  लाखों करवटें, भीगा अश्क हज़ार
तब जा कर मैंने किए, काग़ज काले चार।

छोटा हूँ तो क्या हुआ, जैसे आँसू एक
सागर जैसा स्वाद है, तू चखकर तो देख।

मैं खुश हूँ औज़ार बन, तू ही बन हथियार
वक़्त करेगा फ़ैसला, कौन हुआ बेकार।

तू पत्थर की ऐंठ है, मैं पानी की लोच
तेरी अपनी सोच है, मेरी अपनी सोच।

मैं ही मैं का आर है, मैं ही मैं का पार
मैं को पाना है अगर, तो इस मैं को मार।

ख़ुद में ही जब है ख़ुदा, यहाँ-वहाँ क्यों जाय
अपनी पत्तल छोड़ कर, तू जूठन क्यों खाय।

पाप न धोने जाउँगा, मैं गंगा के तीर
मजहब अगर लकीर है, मैं क्यों बनूँ फ़क़ीर।

सब-सा दिखना छोड़कर, ख़ुद-सा दिखना सीख
संभव है सब हों ग़लत, बस तू ही हो ठीक।

ख़ाक जिया तू ज़िंदगी, अगर न छानी ख़ाक
काँटे बिना गुलाब की, क्या शेखी क्या धाक।

बुझा-बुझा सीना लिए, जीना है बेकार
लोहा केवल भार है, अगर नहीं है धार।

सोने-चाँदी से मढ़ी, रख अपनी ठकुरात
मेरे देवी-देवता, काग़ज-क़लम-दवात।

अपनी-अपनी पीर का, अपना-अपना पीर
तुलसी की अपनी जगह, अपनी जगह कबीर।

वो निखरा जिसने सहा, पत्थर-पानी-घाम
वन-वन अगर न छानते, राम न बनते राम।

पिंजरे से लड़ते हुए, टूटे हैं जो पंख
यही बनेंगे एक दिन, आज़ादी के शंख।

जुगनू बोला चाँद से, उलझ न यूँ बेकार
मैंने अपनी रौशनी, पाई नहीं उधार।

बस मौला ज़्यादा नहीं, कर इतनी औक़ात
सर ऊँचा कर कह सकूँ, मैं मानुष की ज़ात।

पानी में उतरें चलो, हो जाएगी माप
किस मिट्टी के हम बने, किस मिट्टी के आप।

अपने में ज़िंदा रखो, कुछ पानी कुछ आग
बिन पानी बिन आग के, क्या जीवन का राग।

शबरी जैसी आस रख, शबरी जैसी प्यास
चल कर आएगा कुआँ, ख़ुद ही तेरे पास।

जो निकला परवाज़ पर, उस पर तनी गुलेल
यही जगत का क़ायदा, यही जगत का खेल।

कटे हुए हर पेड़ से, चीखा एक कबीर
मूरख कल को आज की, आरी से मत चीर।

भूखी-नंगी झोंपड़ी, मन ही मन हैरान
पिछवाड़े किसने लिखा, मेरा देश महान।

हर झंडा कपड़ा फ़क़त, हर नारा इक शोर
जिसको भी परखा वही, औना-पौना चोर।

सब कुछ पलड़े पर चढ़ा, क्या नाता क्या प्यार
घर का आँगन भी लगे, अब तो इक बाज़ार।

हम भी औरों की तरह, अगर रहेंगे मौन
जलते प्रश्नों के कहो, उत्तर देगा कौन।

भोगा उसको भूल जा, होगा उसे विचार
गया-गया क्या रोय है, ढूँढ नया आधार।

लौ से लौ को जोड़कर, लौ को बना मशाल
क्या होता है देख फिर, अंधियारों का हाल।

 – नरेश शांडिल्य,  9868303565

*********************

नरेश शांडिल्य : संक्षिप्त साहित्यिक परिचय
——————————————-

कवि नाम : नरेश शांडिल्य

शिक्षा : एम ए (हिंदी साहित्य)

कवि-दोहाकार-रंगकर्मी-संपादक-समीक्षक

प्रकाशन :
—————
7 कविता संग्रह प्रकाशित।
3 पुस्तकों का सम्पादन।

सम्मान :
————–
* हिंदी अकादमी , दिल्ली सरकार का साहित्यिक कृति सम्मान (1996)
* वातायन ( लंदन ) का अंतरराष्ट्रीय कविता सम्मान (2005)
* कविता का प्रतिष्ठित ‘परम्परा ऋतुराज सम्मान’ (2010)

काव्य पाठ :
——————-
दिल्ली के प्रतिष्ठित लालकिला कवि सम्मेलन , श्रीराम कविसम्मेलन आदि में काव्यपाठ। इसके अतिरिक्त भारत के लगभग सभी प्रमुख शहरों में काव्यपाठ।

आकाशवाणी और दूरदर्शन के अनेक चैनलों पर काव्यपाठ। बी बी सी और कई विदेशी रेडियो चैनलों पर काव्यपाठ।

भोपाल में आयोजित 10वें विश्व हिंदी सम्मेलन में भागीदारी।

विदेश यात्रा :
——————-
इंग्लैंड के सभी प्रमुख शहरों में सन् 2000 और सन् 2005 में काव्यपाठ।

जोहान्सबर्ग ( साउथ अफ्रीका ) के 9वें विश्व हिन्दी सम्मेलन में काव्यपाठ।

10 जनवरी 2017 विश्व हिंदी दिवस पर बैंकॉक ( थाईलैंड ) में मुख्य अतिथि के नाते भागीदारी।

नुक्कड़ नाटकों में फैलोशिप :
————————————–
20 नुक्कड़ नाटकों की 500 से अधिक प्रस्तुतियों में अभिनय और 100 से अधिक नुक्कड़-गीतों का लेखन।
नुक्कड़ नाटकों में भारत सरकार के संस्कृति विभाग से सीनियर फैलोशिप।

संपादन :
————–
साहित्य की अंतरराष्ट्रीय त्रैमासिक पत्रिका ‘अक्षरम संगोष्ठी’ का 12 वर्षों तक संपादन

सलाहकार :
—————–
सलाहकार सदस्य : फ़िल्म सेंसर बोर्ड , सूचना व प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार।

संपर्क : सत्य सदन , ए 5 , मनसा राम पार्क, संडे बाज़ार लेन, उत्तम नगर, नई दिल्ली 110059
9711714960
9868303565 (whatsapp)
Email :
[email protected]

[email protected]

Last Updated on October 20, 2020 by srijanaustralia

    Facebook
    Twitter
    LinkedIn

    More to explorer

    2025.06.22  -  प्रयागराज की हिंदी पत्रकारिता  प्रवृत्तियाँ, चुनौतियाँ और संभावनाएँ  --.pdf - lighttt

    ‘प्रयागराज की हिंदी पत्रकारिता : प्रवृत्तियाँ, चुनौतियाँ और संभावनाएँ’ विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के प्रतिभागिता प्रमाणपत्र

    Spread the love

    Spread the love Print 🖨 PDF 📄 eBook 📱प्रयागराज की हिंदी पत्रकारिता पर  दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का भव्य आयोजन संपन्न प्रयागराज, 24

    2025.06.27  - कृत्रिम मेधा के दौर में हिंदी पत्रकारिता प्रशिक्षण - --.pdf-- light---

    कृत्रिम मेधा के दौर में हिंदी पत्रकारिता प्रशिक्षण विषयक विशेषज्ञ वार्ता का आयोजन 27 जून को

    Spread the love

    Spread the love Print 🖨 PDF 📄 eBook 📱फ़ील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ की 18वीं पुण्यतिथि के अवसर  परकृत्रिम मेधा के दौर में

    light

    मध्य प्रदेश में हिंदी पत्रकारिता विषय पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का भव्य आयोजन

    Spread the love

    Spread the love Print 🖨 PDF 📄 eBook 📱अंतरराष्ट्रीय हिंदी पत्रकारिता वर्ष 2025-26 के अंतर्गत मध्य प्रदेश में हिंदी पत्रकारिता विषय पर

    Leave a Comment

    error: Content is protected !!