वीरों का वंदन होना चाहिए
इस देश का अम्बर रोता है, इस देश की धरती रोती है,
जब-जब वीर जवानों को, भारत माता खोती है ।
अलगाववाद के नाम पर, नापाक हरकतें होती हैं,
पत्थरबाजी की आड़ में, आतंकी जड़ें पनपती हैं ।
आस्तीन में साँप छुपे हैं, कब तक दूध पिलाओगे,
रक्त पिपासु भेड़ियों को, कब तुम सबक सिखाओगे ।
पूछ रही है बूढ़ी माँ, पूछ रही है बहन तुम्हारी ?
पूछ रहा है नन्हा बालक, पूछ रही है प्रियतम प्यारी ?
हम सब की अश्रु धारा का, कर्ज़ चुकाओगे कैसे ?
अमर शहीद जवानों का, मान बढ़ाओगे कैसे ?
बन्द करो समझौते सारे, हुक्का-पानी बन्द करो,
डालो नाक-नकेल तुम, उसकी मनमानी बन्द करो ।
अमर शहीदों की गाथा का, गान होना चाहिए,
वीरों का अभिमान बढ़े, सम्मान होना चाहिए ।
नागफनी की हर शाख को, चन्दन होना चाहिए,
तपती रेत में हरियाली का, नन्दन होना चाहिए ।
दुश्मन के हर ख़ेमे में, क्रंदन होना चाहिए,
अभिनन्दन का युगों-युगों तक, वंदन होना चाहिए ।
Last Updated on January 11, 2021 by replytonawal
- नवल किशोर गुप्त
- मुख्य-प्रशिक्षक
- भ.रे.वे.अनु.संस्थान, प्रा.प्र.केन्द्र, ब.रे.का. वाराणसी, उ.प्र. भारत
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