न्यू मीडिया में हिन्दी भाषा, साहित्य एवं शोध को समर्पित अव्यावसायिक अकादमिक अभिक्रम

डॉ. शैलेश शुक्ला

सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

सृजन ऑस्ट्रेलिया | SRIJAN AUSTRALIA

विक्टोरिया, ऑस्ट्रेलिया से प्रकाशित, विशेषज्ञों द्वारा समीक्षित, बहुविषयक अंतर्राष्ट्रीय ई-पत्रिका

A Multidisciplinary Peer Reviewed International E-Journal Published from, Victoria, Australia

डॉ. शैलेश शुक्ला

सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं
प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

श्रीमती पूनम चतुर्वेदी शुक्ला

सुप्रसिद्ध चित्रकार, समाजसेवी एवं
मुख्य संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

मॉरीशस यात्रा संस्मरण

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 मारीशस के यात्रा में एक संस्मरण आप सब की सेवा में प्रस्तुत है पिछले साल 2019 जनवरी की बात है हमारा एक साहित्य ग्रुप है उस के माध्यम से हम 40 सदस्य मारीशस यात्रा की योजना बनाई वह 1 महीने के अंदर सभी जरूरी कागजात यात्रा संबंधित वीजा पासपोर्ट ठहरने का स्थान लोकल ट्रांसपोर्ट और दर्शनीय स्थलों की विवरण प्राप्त करने के बाद हम लोगों ने 25 जनवरी को दिल्ली से मारीशस के लिए एयर मॉरीशस की डायरेक्ट फ्लाइट पकड़ी मारीशस के लिए हम सभी की यह सर्वप्रथम यात्रा थी हालांकि मारीशस के हिंदी संस्थान में वाह मारीशस के सेक्ट्रिएट में हमारे एक मित्र के जान पहचान के अधिकारी पहले से ही हमारे स्वागत के लिए मारीशस हवाई अड्डे पर मौजूद थे मारीशस हवाई अड्डे पर बाहर निकलते ही हाथ में बैनर लिए वह खड़े थे मारीशस हवाई अड्डे का नाम वहां के प्रधानमंत्री सर शिवसागर रामगुलाम जी के नाम पर था वहां के माहौल में वहां की हवा में इतना सुंदर रमणीय वातावरण था कि हम सब भाषा को कर वहां के वातावरण की सुंदरता देखने में ही खो गए इतने में आवाज लगी है अपने अपने सामान लेकर आ जाइए बस तैयार है हम अपने सामान लेकर एयरपोर्ट से सटे हुए सड़क पार करने के बाद जहां पर हमारी बस खड़ी हुई थी बस शेल्टर पर पहुंच गए और हमने सब ने मिलकर एक एक करके अपने सामान हमारी यू ट्रैवलर बस थी 25 सीटर बस थी उसमें रखती है ऐसी दो गाड़ियां हुई थी क्योंकि हम लोग 40 व्यक्ति थे तो सामान के साथ सबके पास लगभग 2,2 बैगेज थे  तो उसके अनुसार दो ट्रैवलर टूरिस्ट बसेज की गई थी इतने रोमांचित थे हम कि हम सब ने अपने मोबाइल से फटाफट फटाफट फोटोस लेनी शुरू कर दी ।  सबसे पहले बस शाम को लेकर के हमारे होटल पहुंची हमारे होटल का नाम होटल ब्लू लीग्रांड मारीशस जो कि मारीशस के पूर्वी समुद्र तट पर बसा हुआ होटल था उसके बाद कमरे एलॉट करने की प्रक्रिया हुई एक कमरे में दो दो व्यक्ति के ठहरने का इंतजाम था हमें आदेश दिया गया कि फटाफट से फ्रेश हो के आप लोग इसी होटल के दाएं तरफ फर्स्ट फ्लोर पर भोजन करने के लिए पहुंच जाइए हम सबको एक आई कार्ड दे दिया गया जो कि हमें अपने कमरों से बाहर रहने के समय हमेशा अपने गले में डाल कर रखना था जो कि हमारी पहचान थी हमें यह भी आदेश दिया गया कि जब भी आप अपने कमरों से बाहर जाएंगे आपकी जेब में आपका पासपोर्ट होना जरूरी है विदेशी नागरिकों को जिस भी किसी देश में होते हैं उनका पासपोर्ट उनकी नेशनलिटी की पहचान रहता है जो उन्हें हर समय अपने पास रखना पड़ता है भोजन करने के बाद जो की व्यवस्था बहुत अच्छी थी हम लोगों को सफर के थकान की यात्रा 6 से 7 घंटे की थी रात में फ्लाइट ली थी तो हम दिन में वहां पहुंचे थे हमें 2 घंटे आराम करने की छूट दे दे 4:00 बजे हम लोगों को लॉबी में एकत्र होने का निर्देश दिया गया बताया गया यहां से हम 50 किलोमीटर दूर मारीशस का एक पुराना दबा हुआ ज्वालामुखी है जो इस समय ठंडा पड़ा है वह देखने जाएंगे उसके पास में ही टेलीस्कोपिक व्यूइंग गैलरी के एरिया में

 एक पहाड़ी पर बनी हुई थी वीर गैलरी तक जाने के लिए 105  सीढिया थी ,  वहां हमने टेलिस्कोप से मारीशस की खूबसूरती का आनंद लिया और खूब फोटो खींची वहां से उतर के हम जैसे ही नीचे आए बारिश शुरू हो गई सभी लोग जल्दी से भाग के बस में बैठ गए वहां से हम मारीशस की एक खास क्षेत्र में गए जहां पर धरती का रंग छह सात रंगों से मिलकर बना हुआ था वह सुरक्षित जगह थी उसके चारों तरफ लकड़ी के बैरिकेड लगे हुए थे समय के अनुसार उस जगह की अलग-अलग रंग वाली मिट्टी थोड़ा-थोड़ा अपना रूप बदल चुकी थी जैसा की चित्र में हमें दिखाई देता था अब वह वैसी नहीं रह गई थी यह मिट्टी उस ज्वालामुखी के लावा उगलने से आसपास के इलाके में अलग-अलग रंग की उस समय दिखाई पड़ती थी जो आज हमारी यात्रा के समय उस अपने प्राकृत स्वरूप में नहीं थी फिर भी एक बहुत बड़ा टूरिस्ट स्पॉट तो था ही  उसके बाद हम 5:30 बजे वहां से अपने होटल के लिए रवाना हो गए मारीशस में एक खास बात है कि 5:00 बजे के बाद सभी प्रकार की पब्लिक एक्टिविटी बंद हो जाती है वहां एक नियम है के 5:00 बजे के बाद किसी प्रकार के दफ्तर किसी प्रकार की पब्लिक  एक्टिविटी निषेध है सभी देसी विदेशी व्यक्तियों के लिए यह व्यवस्था सरकार की तरफ से है तो हम वहां से बस के द्वारा अपने होटल वापस आ गए 6:00 बजे हम सब ने बैठकर स्विमिंग पूल के किनारे एक-एक करके आपस में अपनी रचनाओं का पठन-पाठन दूसरों की रचनाओं का रसास्वादन किया किसी ने नव गीत सुनाया किसी ने दोहे सुनाएं किसी ने चौपाई सुनाइए किसी ने लघु कथा सुनाई किसी ने अपने हाइकु सुनाएं 1:30 2 घंटा हम सब ने एक दूसरे के साहित्य का लेखन का आनंद लिया 8:00 बजे के लगभग रात के खाने की घंटी बज गई हम सब हाथ मुंह धो कर के डिनर लेने जो कि विशेष तौर पर हम लोगों के लिए सजाया गया था और एक ऑर्केस्ट्रा पार्टी का भी वहां पर इंतजाम था बहुत ही बढ़िया तरीके से सुसज्जित भोजन टेबल ऑर्केस्ट्रा पार्टी और फ्लोर पर डांस करने वाले इच्छुक व्यक्तियों की व्यवस्था थी मारीशस में हमें बड़ा आनंद आया हमारे अगले 2 दिन हमारे अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक सम्मेलन की व्यवस्था में गुजरे जिस कारण से हम मारीशस गए थे हमने मारीशस में विश्व हिंदी सचिवालय की यात्रा की

 यात्रा की मारीशस का सबसे मशहूर मॉल और कि ना देखा मारीशस के समुद्र में हमने वोटिंग की वोटिंग भी हाई स्पीड वोटिंग थी 50 60 70 80 किलोमीटर की स्पीड से चलने वाली बोट हम सब रोमांचित हुए समुद्र में होने वाले समुद्री खेलों का आनंद लिया और अपनी बहुत सारी फोटो खिंचवाई मारीशस की यात्रा हमें बहुत आनंद आया मैं अपने इस यात्रा संस्मरण की फोटो बाद में साझा करूंगा धन्यवाद

Last Updated on January 6, 2021 by srijanaustralia

  • Dr arun kumar shastri
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