।। मेरा जुनून देश भक्ति ।।
हे मातृभूमि मेरी, तुझ पर यह जीवन अर्पण हैं ।
तेरा मानना मिटने दूंगा, तू विश्व का दर्पण है ।।
“मेरा जुनून है” राष्ट्रभक्ति का, नाम नहीं मिटने दूंगा ।हे भारत मां भारती, तेरा मान ना झुकने दूंगा ।।
यह मेरा मानव चोला तो, तुझ पर ही समर्पण है ।
हे मातृभूमि मेरी, तुझ पर यह जीवन अर्पण है ।।
“मेरा जुनून है” विश्व गुरु का, पद पर भारत को लाना है।
सोने की चिड़िया पहले थी, अब फिर सोने का बनाना है।।
त्याद तपस्या धर्म कर्म और, सेवा का आकर्षण है।
हे मातृभूमि मेरी, तुझ पर यह जीवन अर्पण है ।।
“मेरा जुनून तो” ध्वज पर तेरे, नया रंग भरने का है ।
इतिहास पुरुष बलिदानी जैसा, लड़ते-लड़ते मरने का है।।
सूर वीर सपूतों के संग, तेरी महिमा का वर्णन है ।।
हे मातृभूमि मेरी, तुझ पर यह जीवन अर्पण है।।
“मेरा जुनून है, ऋषि-मुनियों को, व्यापक सम्मान दिलाने का।
शाकाहारी नशा मुक्त और, भारत नया बनाने का ।।
नेम नियम विद्या “जलक्षत्री”, साधना का दर्शन है ।
हे मातृभूमि मेरी, तुझ पर यह जीवन अर्पण है ।।
रचनाकार- अशोक धीवर “जलक्षत्री”
ग्राम -तुलसी (तिल्दा नेवरा )
जिला -रायपुर (छत्तीसगढ़)
सचलभास क्रमांक – 9300 716 740
Last Updated on January 11, 2021 by ashokpainter27
- अशोक धीवर
- जलक्षत्री
- राष्ट्रवादी लेखक संघ सदस्य
- [email protected]
- ग्राम तुलसी (तिल्दा-नेवरा) जिला-रायपुर (छत्तीसगढ़) पिन 493114