न्यू मीडिया में हिन्दी भाषा, साहित्य एवं शोध को समर्पित अव्यावसायिक अकादमिक अभिक्रम

डॉ. शैलेश शुक्ला

सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

सृजन ऑस्ट्रेलिया | SRIJAN AUSTRALIA

विक्टोरिया, ऑस्ट्रेलिया से प्रकाशित, विशेषज्ञों द्वारा समीक्षित, बहुविषयक अंतर्राष्ट्रीय ई-पत्रिका

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डॉ. शैलेश शुक्ला

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सुप्रसिद्ध चित्रकार, समाजसेवी एवं
मुख्य संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

पतंग सी लहराए दिल

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  1. पतंग सी लहराए दिल
    ऊंची जीवन की उड़ान हो,
    तील और गुड़ जैसा मीठा बनें
    सबके होठों पर मुस्कान हो!!
    पावन पर्व संक्रांति की,
    प्रकाशित सबके जीवन को करे
    नई ऊर्जा, नया उल्लास,
    प्रेम और विश्वास
    हर दिल में भरे!!

Last Updated on January 14, 2021 by archanaroy20

  • अर्चना रॉय
  • प्राचार्या
  • मणिपाल इंटरनेशनल स्कूल
  • [email protected]
  • मणिपाल इंटरनेशनल स्कूल मांडू रामगढ़ झारखंड
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1 thought on “पतंग सी लहराए दिल”

  1. मन ही मन..
    —————————
    मेरे मन के ख्याल….!
    मौन साक्षी हैं
    कितने ही बार
    तेरे मनआगमन पर आने पर
    मनाई है मन ही मन दीपावली

    कितनी बार ही कोसा है
    जब कोई भंग किया है ख्याल
    उस पर तुम्हारे साच्क्षात
    अनचाही रख़्सतो पर
    जतायी है मातम
    मन ही मन…!

    करते रहे हैं प्रतिक्षा
    बुनते हैं रहे हैं सन्नाटे
    पल प्रति पल
    बरस दर बरस
    सोख लेते हैं विषाद
    देते हैं आमंत्रण
    सुखद स्मृतियों और
    करते हैं क्षमायाचना
    मन ही मन…!

    जो ठेस पहुँचाई हो कभी
    इन तमाम संभावनाओं के साक्षी
    तुम मेरे मन के प्रीत
    मीत मौन ही गुनते अब
    इतिहास के साक्षी होने का
    तठस्थ होकर
    वर्तमान भूत भविष्य को भोगते
    मन ही मन…!

    -समि…..✍

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