-सृजन आस्ट्रेलिया अंतरराष्ट्रीय ई पत्रिका(देशभक्ति काव्य प्रतियोगिता)
-ओज की रसधार-
माँ वाणी से राष्ट्रहित उपहार माँगता हूँ
शब्द-शब्द में ओज की रसधार माँगता हूँ
बात जब-जब भारत स्वाभिमान की उठेगी
देश ख़ातिर प्राणों के बलिदान की उठेगी
सीमाओं की चौकसी पर ध्यान की उठेगी
राष्ट्र नव निर्माण और उत्थान की उठेगी
लिपिबद्ध करने का बस अधिकार माँगता हूँ
शब्द-शब्द में ओज की रसधार माँगता हूँ
सुनिश्चित करना है आँच देश पर न आए
चिन्हित भी करना है उनको आँख जो दिखाए
मान मनोबल सैनिकों का नित्य बढ़ाते जायें
वर्दी पर कभी दाग उनके लगने ना पाए
वीर जवानो के लिए सत्कार माँगता हूँ
शब्द-शब्द में ओज की रसधार माँगता हूँ
बच्चा बच्चा देश का भारत की जय बोले
शब्दोच्चार से देशप्रेम के ही उगले शोले
शहीदों के आदर्शों पर चल संयम अपना तौले
पूरी निष्ठा लगन भाव से देश ही का हो ले
होनहार ऐसे भावी कर्णधार माँगता हूँ
शब्द-शब्द में ओज की रसधार माँगता हूँ
कलम के हर लेख में हुंकार ही भरा हो
शब्द-शब्द में वीर रस भंडार ही भरा हो
देशभक्ति का जुनून और प्यार ही भरा हो
जोश जज़्बे का उफनता ज्वार ही भरा हो
स्वरलहरी में जोश का संचार माँगता हूँ
शब्द-शब्द में ओज की रसधार माँगता हूँ !!
पूर्णतःस्वरचित मौलिक
✍️राजपाल यादव,गुरुग्राम
9717531426
-सृजन आस्ट्रेलिया अंतरराष्ट्रीय ई पत्रिका(देशभक्ति काव्य प्रतियोगिता)
-है नमन उनको मेरा-
है नमन उनको मेरा जो
देश पर मर मिट गए हैं
प्राणों का उत्सर्ग करके
इतिहास अद्भुत रच गए हैं
है नमन उनको मेरा जो
आसमाँ से भी बड़े हैं
हौसले पर्वत से ऊँचे
लिए सरहद पर खड़े हैं
नमन मेरा उन वीरों को
जो गल्वन में डटकर लड़े हैं
बर्फ़ की शिलाओं में भी
राष्ट्र रक्षा हित खड़े हैं
नमन मेरा उस माँ को जो
क़र्ज़ दूध का माँग रही है
बेटे की शहादत पर अपना
गर्व से सीना तान रही है
नमन मेरा उस बहना को
जो भैया से उपहार ये माँगे
शीश ले आना उस बैरी का
भारत की सीमा जो लांघे
नमन मेरा उस प्राणेश्वरी को
कहती शत्रु का सर लाना
आवश्यकता ग़र पड़ी बालम
रणभूमि में मर मिट जाना
अंतिम नमन मेरा उनको
इतिहास नया जो रच जाते हैं
माँ बहना पत्नी यादों संग
सूली पर भी चढ़ जाते हैं !!
पूर्णतःस्वरचित मौलिक रचना
(राजपाल यादव,आरडी सिटी,गुरुग्राम)
9717531426
-सृजन आस्ट्रेलिया अंतरराष्ट्रीय ई पत्रिका(देशभक्ति काव्य प्रतियोगिता)
– -बदल रहा है अब कश्मीर-
बदल रहा रहा है अब कश्मीर
बदल रही उसकी तस्वीर
बदला उसका विधि-विधान
बदला सत्ता का संविधान
वेतन-भत्ते बदल गए
हुई पेश अदभुत नज़ीर
बदल रहा है अब कश्मीर
बदली भाषा और परिवेश
बना केंद्र शासित प्रदेश
एक सूत्र में बाँध देश
घाटी की बदली तक़दीर
बदल रहा है अब कश्मीर
हवा नई और नई फ़िज़ा
मिली दिशा और नई दशा
बदल रहे अब नौकरशाह
बदले राजा,रंक,फ़क़ीर
बदल रहा है अब कश्मीर
बदली रंगत,पवन-बयार
बदला है आचार विचार
शांति के बन रहे आसार
खेल रहे सब रंग-अबीर
बदल रहा है अब कश्मीर
बदल रहा है अब माहौल
बदल गया इतिहास भूगोल
जन्नत की घाटी अनमोल
चहक रहा फिर से कश्मीर
बदल रहा है अब कश्मीर
प्रगति के अब द्वार खुले
निवेश के बाज़ार खुले
नियुक्तियों के आसार खुले
यही बन रही है तहरीर
बदल रहा है अब कश्मीर
बदल गया है अब इतिहास
आतंकी सब हुए हताश
लेह-लद्दाख में हर्षोल्लास
प्रफुल्लित संतरी,वज़ीर
बदल रहा है अब कश्मीर
पूर्णतःस्वरचित मौलिक
(राजपाल यादव,गुरुग्राम)
9717531426
Last Updated on January 12, 2021 by rajpalyadavcil
- राजपाल यादव
- कवि
- स्वतंत्र
- [email protected]
- Ardee city D-2/6 SF Gurgaon