खामोश मौसम में हंसी
मुस्कान आया है ।
फ़िज़ाओं की खुशबू का
खास अंदाज आया हैं।।
बहारें भी है खुश क़िस्मत लम्हो
की ख्वाहिश में बहारो की किस्मत
का कोई किरदार आया है।।
खामोश मौसम में हंसी
मुस्कान आया है
फ़िज़ाओं की खुशबू का
खास अंदाज आया हैं।।
शाम की हलचल बेमौसम की
बारिश की बूंदों में चमकते चाँद
चाँद का शबनम में दीदार आया हैं।।
खामोश मौसम में हंसी मुस्कान आया है फ़िज़ाओं की खुशबू का खास अंदाज आया है।।
हज़ारों साल नर्गिस की
बेनूरी के आलम में जहां की
आरजू का गुलोगुज़ार आया है।।
खामोश मौसम में हंसी मुस्कान आया है फ़िज़ाओं की खुशबू का खास अंदाज आया है।।
यादों खवबों उम्मीदों की
धड़कन में जमाने जज्बे का
रौशन नाज़ आया है।।
खामोश मौसम में हंसी मुस्कान आया है फ़िज़ाओं की खुशबू का खास अंदाज आया है।।
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर पीताम्बर
Last Updated on February 17, 2021 by nandlalmanitripathi
- नंन्दलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
- प्राचार्य
- भारतीय जीवन बीमा निगम
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- C-159 दिव्य नगर कॉलोनी पोस्ट-खोराबार जनपद-गोरखपुर -273010 उत्तर प्रदेश भारत