कविता
“वज़ूद “
न होते हुए भी
तुम्हारा वज़ूद
घेरे रहता है जैसे
चंद्रमा को वलय
घंटों चलता है
मौन सन्लाप तुमसे
निकल जाती हूं
बहुत दूर तुम्हारे साथ
किसी पहाड़ी के
नीचे खेत में
सुनती हूं
पसंदीदा गीत
जो गुनगुनाए थे
कानों में मेरे
सामने शीशे से
तुम्हीं देखते हो
मेरी चुस्त पोशाक
‘बड़ी सुंदर हो तुम’
कानों में फुसफुसााते हो
जिंदा रहते हुए जन्नत
दिखाते हो तुम
अब यह तुम हो या हम
कहना है मुश्किल क्योंकि
तुम्हारा वज़ूद हमारे वज़ूद
में घुल सा गया है!!!!!!
नाम=डॉ॰रश्मि चौधरी
पदनाम =व्याख्याता
संगठन=शा0के0आर0जी0कॉलेज,ग्वालियर
डाक पता=60/1121 यमुनानगर (दर्पण काॅलोनी के पास)थाटीपुर ग्वालियर मध्यप्रदेश,भारत। पिन =474011
ईमेल = [email protected]
मोबाइल नं0=9039032695
वाट्सअप नं0=9039032695
Last Updated on January 8, 2021 by rashmi.rc2015
- डाॅ०रश्मि चौधरी
- व्याख्याता
- के.आर.जी.काॅलेज ग्वालियर
- [email protected]
- 60/1121 यमुनानगर (दर्पण काॅलोनी के पास)थाटीपुर ग्वालियर मध्यप्रदेश पिन 474011