न्यू मीडिया में हिन्दी भाषा, साहित्य एवं शोध को समर्पित अव्यावसायिक अकादमिक अभिक्रम

डॉ. शैलेश शुक्ला

सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

सृजन ऑस्ट्रेलिया | SRIJAN AUSTRALIA

विक्टोरिया, ऑस्ट्रेलिया से प्रकाशित, विशेषज्ञों द्वारा समीक्षित, बहुविषयक अंतर्राष्ट्रीय ई-पत्रिका

A Multidisciplinary Peer Reviewed International E-Journal Published from, Victoria, Australia

डॉ. शैलेश शुक्ला

सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं
प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

श्रीमती पूनम चतुर्वेदी शुक्ला

सुप्रसिद्ध चित्रकार, समाजसेवी एवं
मुख्य संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

निकलता सूरज छँटता अंधेरा

Spread the love
image_pdfimage_print

छँट जाएगा अँधेरा विश्वाश कीजिये सूरज निकलने का इंतज़ार कीजिये।।

छोड़िए मायूसी अब कदम बढाईये मुश्किलें बहुत लड़ते बढ़ते जाईये ।।
छँट जाएगा अँधेरा विश्वाश कीजिये सूरज निकलने का इंतज़ार कीजए।।
मंजिलो कि राह में दुश्मन हैं बहुत हौसलो हुनर के शास्त्र शत्र से पथ विजय बनाइये।।
छँट जाएगा अँधेरा विश्वाश कीजिये सूरज निकलने का इंतज़ार कीजए।।
रिश्तों के इस जहां में ना धोखा खाइये दोस्त दुश्मन में फर्क फासला बनाइये।।
छँट जाएगा अँधेरा विश्वाश कीजिये सूरज निकलने का इंतज़ार कीजए।।
जिंदगी के हर कदम पे वादे
मुश्किलों में एक हिम्मत हौसलों का चिराग जलाइए।।
छँट जाएगा अँधेरा विश्वाश कीजिये सूरज निकलने का इंतज़ार कीजए।।
चिरागों की रौशनी में वादों इरादों यादों संग साथ चलते जाइए।।
छँट जाएगा अँधेरा विश्वाश कीजिये सूरज निकलने का इंतज़ार कीजए।।
मतलब के इस जहॉ में दोस्त नहीं मिलते ईमान का इंसान एक दोस्त बनाइये।।
छँट जाएगा अँधेरा विश्वाश कीजिये सूरज निकलने का इंतज़ार कीजए।।
जिंदगी के सफ़र में दौर हैं तमाम
जिंदगी के हर दौर में मुस्कुराइए।।
छँट जाएगा अँधेरा विश्वाश कीजिये सूरज निकलने का इंतज़ार कीजए।।
रिश्तों से धोखा गैरों से मौका
जिंदगी के अजीब अंदाज़ को आजमाईये।।
छँट जाएगा अँधेरा विश्वाश कीजिये सूरज निकलने का इंतज़ार कीजए।।
ख़ुशी में भी आंसुओ का रिवाज़
गम आंसुओ का जहाँ गम और
ख़ुशी की जिंदगी
में सदा मुस्कुराइए।।
छंट जाता अँधेरा तो टूटता ग़ुरूर
उजाले के आईने में सच्चाई निभाइए।।
छँट जाएगा अँधेरा विश्वाश कीजिये सूरज निकलने का इंतज़ार कीजए।।
दिल भी आईना जरा सी हरकत
से टूटता बिखरता दिल
सच का साथ निभाइए।।
छँट जाएगा अँधेरा विश्वाश कीजिये सूरज निकलने का इंतज़ार कीजए।।
मोहब्बत है जिंदगी
जहर नफरत का नहीं
नफरतों के नस्तरो से फासला बनाइये।।
छँट जाएगा अँधेरा विश्वाश कीजिये सूरज निकलने का इंतज़ार कीजए।।
जिंदगी और जहाँ में दल दल
है बहुत जिंदगी के दलदल से निकल झील का कमल बन सूरज के संग इतराइये।।
छँट जाएगा अँधेरा विश्वाश कीजिये सूरज निकलने का इंतज़ार कीजए।।

नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उत्तर प्रदेश

Last Updated on February 11, 2021 by nandlalmanitripathi

  • नंन्दलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
  • प्राचार्य
  • भारतीय जीवन बीमा निगम
  • [email protected]
  • C-159 दिव्य नगर कॉलोनी पोस्ट-खोराबार जनपद-गोरखपुर -273010 उत्तर प्रदेश भारत
Facebook
Twitter
LinkedIn

More to explorer

2025.06.22  -  प्रयागराज की हिंदी पत्रकारिता  प्रवृत्तियाँ, चुनौतियाँ और संभावनाएँ  --.pdf - lighttt

‘प्रयागराज की हिंदी पत्रकारिता : प्रवृत्तियाँ, चुनौतियाँ और संभावनाएँ’ विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के प्रतिभागिता प्रमाणपत्र

Spread the love

Spread the love Print 🖨 PDF 📄 eBook 📱प्रयागराज की हिंदी पत्रकारिता पर  दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का भव्य आयोजन संपन्न प्रयागराज, 24

2025.06.27  - कृत्रिम मेधा के दौर में हिंदी पत्रकारिता प्रशिक्षण - --.pdf-- light---

कृत्रिम मेधा के दौर में हिंदी पत्रकारिता प्रशिक्षण विषयक विशेषज्ञ वार्ता का आयोजन 27 जून को

Spread the love

Spread the love Print 🖨 PDF 📄 eBook 📱फ़ील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ की 18वीं पुण्यतिथि के अवसर  परकृत्रिम मेधा के दौर में

light

मध्य प्रदेश में हिंदी पत्रकारिता विषय पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का भव्य आयोजन

Spread the love

Spread the love Print 🖨 PDF 📄 eBook 📱अंतरराष्ट्रीय हिंदी पत्रकारिता वर्ष 2025-26 के अंतर्गत मध्य प्रदेश में हिंदी पत्रकारिता विषय पर

Leave a Comment

error: Content is protected !!