“कला बहुत कुछ देती है पर टीडीएस भी काट लेती है।”
ये ब्रह्मवाक्य ही जीवन का वास्तविक सूत्र है। और इसी तर्ज पर अंधाधुन फ़िल्म की पूरी कहानी टिकी है या कहें कि फ़िल्म की पटकथा का आधार इसी बात को चरितार्थ करना रहा है जिसे बख़ूबी इसमें चरितार्थ होते दिखाया भी गया है। प्रत्येक व्यक्ति में कोई न कोई गुण या कला होती है कुछ में नैसर्गिक होती है तो कुछ में जन्मजात। तो कुछ संघर्ष करते हुए अपने अंदर को मांझते हैं तो स्वयं को स्थापित करते हैं जग की रीत ही यही रही है।
फ़िल्म में मुख्य कलाकार आकाश(आयुष्मान खुराना) के माध्यम से निर्देशक श्री राम राघवन ने 2 घण्टे 30 मिनट में मिस्ट्री की केमिस्ट्री अच्छी तरह से परोसी है और वो भी पूरी तरह कला के माध्यम से। कहानी कुछ यूं है कि आकाश एक पियानोवादक है, लेकिन अँधा है असलियत में नहीं, बल्कि दुनिया की भीड़ में स्वयं को अलग रखने की कोशिश में ऐसा बनता है जिससे उसे आत्मसंतुष्टि मिलती है, इस तरह के व्यक्ति भी समाज के हिस्सा हैं जो अपनी अलग ही दुनिया में पहचान बनाने के लिए अपने पर ही प्रयोग करते हैं दूसरे शब्दों में कहें कि अपनी कला का प्रयोग विलक्षण रूप में करते हैं कभी कभार ये प्रयोग घातक सिद्ध हो जाते हैं और इस फ़िल्म में इसी कला का घातक होना भी दिखाया गया है।
आकाश एनजीओ द्वारा दिए गए कमरे में रहता है, अचानक बीच रास्ते से उसकी टक्कर सोफी (राधिका आप्टे) के स्कूटी से हो जाती हैं और वो उसे रेस्तरां में कॉफ़ी पिलाने ले जाती है दोनों में प्रेम का अंकुर उसी टक्कर में ही उपज जाता है। बातों बातों में सोफी को पता चलता है कि आकाश पियानो बजाता है तो वह अपने रेस्तरां में पियानो बजाने की नौकरी का ऑफ़र करती है। ज़ाहिर है कि दोनों का मन्तव्य पूरा हो जाता है। प्रेम पनपा है तो उसे मुक़ाम तक लेके भी तो जाना है। वहीं पूर्व अभिनेता अनिल धवन (प्रमोद सिन्हा) जाने माने 80 के दशक में नायक भी होते हैं जो आकाश का गाना सुनकर प्रसन्न होकर अपने घर निजी कॉन्सर्ट के लिए बुलाते हैं ताकि अपनी धर्मपत्नी सिमी (तबु) को शादी की सालगिरह का अनूठा जश्न मना सकें। इधर आकाश और सोफी का प्रेम प्रसंग शिखर पर पहुंच जाता है और बारिश के रोमांस में एक दूजे में मग्न कर देता है। कहानी में घटनाएँ मोड़ लेती है।
आकाश जब अनिल के घर पहुंचता है तो सिमी ही उसे मिलती है जिसे इल्म नहीं था। आकाश बताता है कि आपके पति ने उसे आपको सरप्राइज देने के लिए मुझे लाइव कॉन्सर्ट के लिए बुलाया है ताकि आपकी सालगिरह यादगार बन जाए। लेकिन तबु मना करती है कि तभी सामने की पड़ोसी उसे देख लेती है तो सिमी एक दम से आकाश को कमरे में अंदर बुला लेती है। तब उसे पता चलता है कि आकाश देख नहीं सकता तो उसे पियानो बजाने के लिए कहती है। और ख़ुद उसका पियानो सुनकर अंदर ही अंदर रोती है और बाहर ख़ुश होने का दिखावा करती है। इतने में आकाश भाँप लेता है कि घर में कुछ ग़लत हुआ है तो वो बाथरूम जाने का बहाना करता है तो सिमी उसे बाथरूम तक लेकर जाती है तब आकाश देखता है कि फर्श पर अनिल की लाश पड़ी हुई है और शैम्पिन की बोतल टूटी पड़ी है। वह बाथरूम जाता है तो वहां उसे और अचम्भा लगता है जब पता चलता है कि वहाँ एक व्यक्ति और खड़ा है जो वास्तव में मर्डरर होता है।
आकाश सकपका कर ख़ुद को संभालता है और किसी तरह से बाहर आता है तो सिमी के कहने पर फिर से पियानो बजाने लगता है। इतने में सिमी और उसका साथी लाश को सूटकेस में डाल कर बाहर जाने की तैयारी करती है। सिमी जानबूझ कर पहले से रिकॉर्ड की हुई अनिल की आवाज़ के माध्यम से आकाश को भ्रमित करने की कोशिश करती है कि अनिल उनसे मिलने आये हैं और सालगिरह के ख़ूबसूरत नज़राने हेतु बधाई देती है। और उसका साथी लाश को पास ही के दरिया में ठिकाने लगा देता है और आकाश वहाँ से घर आजाता है वह पूरी तरह से सकपका जाता है कि वो क्या करे उसका ज़मीर उसे इज़ाज़त नहीं देता तो वह कुछ दिन बाद पुलिस थाने सारी घटना की जानकारी देने पहुँच जाता है ये सोच कर कि वह सब सच बात देगा कि वह अँधा नहीं है और उसने मर्डर होते हुए देखा है, जैसे ही वो रिपोर्ट लिखाने बैठता है तभी उसके सामने वही बाथरूम में बन्द साथी इंस्पेक्टर के वेश में आजाता है। आकाश की सिट्टी पिट्टी गुम हो जाती है तो वह हड़बड़ा कर बिल्ली के हत्या की रिपोर्ट लिखाता है। इंस्पेक्टर उसे साथ लेकर उसके घर जाता है और मुआयना करता है कि वो अँधा है कि नहीं तभी बिल्ली उसे मिल जाती है वहाँ पर। अब आकाश को रिलाइज़ होता है कि उसे उसका अँधा होने की कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है।
कहानी में और भी रोचक मोड़ आ जाता है जब शोक सभा में सिमी की पड़ोसी वृद्ध महिला वहां किसी थानेदार को ये बताती है कि सिमी ने जूठ बोला है उस दिन अनिल के आने से पहले कोई तीसरा व्यक्ति पहले से ही मौजूद था घर में। जब इंस्पेक्टर को इस बात का पता चलता है तो वह सिमी के द्वारा को उसे बालकनी से नीचे फेंक देती है तभी वहां लिफ़्ट से आकाश आजाता है जो चश्मदीद गवाह बन जाता है लेकिन अंधे होने का नाटक करते हुए अनदेखा कर देता है। सिमी सारे सबूत मिटा करके मर्हूम अनिल की बेटी को अपने साथ पूजा करने के लिए ले जाती है। इंस्पेक्टर मनोहर भी उसी समय घटनास्थल पर आजाता है और दुर्घटना बताते हुए मामले को दर्ज कर लेता है। इधर आकाश अपने घर वापिस आ जाता है और फ़ोन करके सोफी को बुलाता है। इतने में सिमी पूजा का प्रसाद लेकर आकाश के घर आजाती है और उसके अंधे होने के नाटक का पर्दा उठाती है। जब असलियत का पता चल जाता है तब आकाश कन्फेस करता है कि वो नाटक क्यों कर रहा है और बात को दबाने की कोशिश करता है पर उसे महसूस होने लगता है कि जो प्रसाद समझ कर वो खाया उसमें कुछ मिला हुआ होता है वो बेहोश होकर गिर जाता है यही पर अंतराल हो जाता है।
अंतराल के बाद सोफी का आगमन होता है वो कमरे में दाख़िल होती है तो सिमी को आकाश के कमरे में आपत्तिजनक हालत में देख कर शॉक्ड हो जाती है कि आकाश ने उसे व उसके प्यार को धोखा दिया है वहां से रिश्ता तोड़ कर चली जाती है। इतने में आकाश को होश आता है तो उसे पता चलता है कि वह अब सचमुच अँधा हो चुका है। क्योंकि सिमी ने पेड़े में कुछ मिलाया था जिससे उसकी आँखें चली गईं। सिमी निश्चिन्त होकर वापिस आजाती है। आकाश जब बाहर निकलता है जो इंस्पेक्टर मनोहर उसे मारने की कोशिश करता है लेकिन आकाश किसी तरह से जान बचा कर वहाँ से भाग निकलता है। गलियों में वह खम्बे से टक्कर खाकर गिर जाता है और उसे सड़क से उठाकर मुरली और मौसी रिक्शेवाला उठाकर अस्पताल ले आते हैं जहाँ स्वामी डॉक्टर को बेच देते हैं जो पेशे से डॉक्टर है पर किडनी बेचने का काम करता है और पैसा कमाता है। वहाँ आकाश सबको विश्वास में लेकर अपने अंधे होने का राज बताता है और 1 करोड़ की बात करके उन्हें अपने साथ मिला लेता है और सिमी के घर दानी को पियानो सिखाने पहुँच जाता है।
इधर सिमी आकाश को घर छोड़ने की बात करती है तो आकाश उसके साथ चलने को राज़ी हो जाता है रास्ते में टेम्पो में मुरली और मौसी आजाते हैं जो सोफी को किडनैप करने में आकाश की सहायता करते हैं और डॉक्टर के नर्सिंग सेंटर में ले आते हैं वहाँ वह उसका सिमी का कन्फेस रिकॉर्ड कर लेते हैं कि उसने ही ख़ून किया है। और इंस्पेक्टर मनोहर के घर फ़ोन करके 1 करोड़ रुपए की फिरौती मांगते हैं। और उसकी पत्नी को ये बता देते हैं कि उसका पति ही असली हत्यारा है और सिमी का आशिक़ है दोनों में लड़ाई हो जाती है, इतने में टीवी पर खबर आती है कि सिमी ने सुसाइड कर लिया है। जो की जूठी होती है। अब आकाश अपनी योजना बनाता है और इंस्पेक्टर को 1 करोड़ के लिए 8 मंजिला इमारत में बुलाता है तो मुरली और मौसी दोनों इस घटना को अंजाम देते हैं लेकिन वहाँ मुरली इंस्पेक्टर की गोली से घायल हो जाता है लेकिन मौसी उसे लिफ्ट में ही बन्द कर देती है जहाँ मनोहर बन्द लिफ्ट में फायर करता है और अपनी ही गोली से मारा जाता है।
इधर मौसी घायल मुरली को हस्पताल लेकर जाती है जहाँ वह मर जाता है। इधर आकाश और सिमी हस्पताल में बंधे हुए होते हैं और अपनी अपनी हालत पर सोच रहे होते हैं सिमी किसी तरह से आकाश के हाथ खोल देती है ताकि दोनों बाहर निकल सकें लेकिन सिमी आकाश को मारने के लिए बढ़ती है तभी डॉक्टर स्वामी वहाँ आ जाता है तो सिम्मी उसे भी जान से मारने की कोशिश करती है लेकिन आकाश उसे बचा लेता है तो डॉक्टर उसे सिमी को बेहोश् करके मुम्बई एयरपोर्ट पर ले जाता है और आकाश को बताता है कि उसने लिवर का सौदा किया है दुबई के किसी पठान के साथ उसकी बच्ची की जान बचाने के लिये लिवर ट्रांसफर करने के लिए एयर बताता है कि इससे तुम्हारी आँखें ठीक हो जायेगी और उसे पैसे भी मिल जाएंगे। 6 महीने बाद आकाश लंदन में होता है और किसी रेस्तरां में गाना गा रहा होता है इत्तेफाक से सोफी भी वहाँ होती है जहाँ उसे पता चलता है कि आकाश यहाँ है वो नीचे जाकर उससे मिलती है तो आकाश उसे सारी कहानी बताता है कि कैसे वो यहाँ तक आया। यहीं कहानी ख़त्म होती है।
कुल मिलाकर निर्देशक ने यही दिखाया है कि कला इंसान को बहुत कुछ देती है पर टीडीएस भी काट लेती है जैसे आकाश को अपनी कला के एवज में कितना बार जान जोखिम में डालनी पड़ी। स्पष्ट है की कला इंसान को जहाँ निखारती है वहीं उसे पछाड़ती भी है। इसलिए अपनी कला को सकारात्मक रखिये ताकि आप भी सकारात्मक रहेंगे।
संपर्क : डॉ. संगम वर्मा, सहायक प्राध्यापक, हिन्दी विभाग, स्नातकोत्तर राजकीय कन्या महाविद्यालय सैक्टर 42, चण्डीगढ़-160036, मोबाईल :
094636-03737
Last Updated on January 4, 2021 by srijanaustralia