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वर्तमान समय मे नैतिक शिक्षा की अनिवार्यता क्यूँ जरुरी है ?
हमारा देश अपनी प्राचीन सभ्यता एवं संस्कृति के कारण आज पूरे विश्व मे सिरमोैर बना हुआ है, किंतु कुछ बातों के कारण आज हमारी संस्कृति का दिनों दिन पतन होता जा रहा है ।
इस पतन का कारण नैतिक शिक्षा का ना होना है। आज के युग मे हम अपनी संस्कृति को छोड़ करके पश्चिमी सभ्यता के प्रभाव की ओर निरंतर कदमो को बढ़ाये चलें जा रहे हैं। हम उन संस्कृतियों को देखकर ही अपना रहे हैं। केवल हमारे देश में ही नहीं अपितु पूरे विश्व में भ्रष्ट नैतिकता का जाल फैलता जा रहा है। पहले कभी परिवार में दादा – दादी, चाचा -चाची, माता -पिता व बच्चे एकजुट होकर रहते थे किंतु आज संयुक्त परिवार एकल परिवार मे परिवर्तित होते जा रहे हैं।
“कच्ची मिट्टी के घड़े,सोच समझकर ढाल,
उत्तम बचपन जो गढ़े,नैतिक होगा काल।
नैतिक मूल्यों से मिटे,गद्दारी का जाल।”
पहले परिवारों मे बच्चे अपने माता पिता के चरण स्पर्श कर उनका अशीर्वाद लेते थे उनको ईश्वर की भांति पूजते थे जबकि आज के जमाने के बच्चे उनकी बातें सुनने से भी कतराते हैं आज ये संस्कृति शायद कहीं देखने को मिले। अब तो जिसको देखो वही अपना स्वार्थ सिद्ध करने में लगा है। इन सारे दुष्परिणामों से बचने के लिए केवल एक ही उपाय है “नैतिक शिक्षा” ।
बच्चे देश का भविष्य होते है, यदि बच्चे अच्छे हुए तो देश का भविष्य अवश्य अच्छा होगा। सभी विद्यालयों और विश्व विद्यालयों में नैतिक शिक्षा का विषय अनिवार्य होना चाहिए क्योकि यह शिक्षा अत्यंत आवश्यक है । हमें खुद अपने बच्चों के लिए खुद एक उदाहरण बनना होगा तभी यह दुनिया सुचारु रूप से चल सकेगी हमें बच्चों को नैतिक शिक्षा रोमांचक रूप से सिखानी होगी।ज्योतिका शाही सक्सेना, स्वतन्त्र लेखिका , कवयित्री एवं नवोदित गीतकार
लखनऊ, उत्तर प्रदेश
Last Updated on March 1, 2022 by jyotikasaxena9290
- ज्योतिका शाही सक्सेना
- गीतकार, नवोदित कवयित्री एवं स्वतन्त्र लेखिका
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