*गजब बयार बह रही बा ग्राम प्रधानी का*
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रचयिता :
*डॉ.विनय कुमार श्रीवास्तव*
वरिष्ठ प्रवक्ता-पी बी कालेज,प्रतापगढ़ सिटी,उ.प्र.
देखा कैसेन हवा चल रही बा,
आवाबा इ चुनाव प्रधानी का।
कुर्ता जैकेट टोपी व अंगौछा,
पहिन के निकले हैं रवानी मा।
घर घर चक्कर काटत बाटेन,
पावय के बरे वोट प्रधानी मा।
पैरन मा शीश झुकावत बाटेन,
जीता चाहैं नेता ये प्रधानी मा।
भूखे प्यासे टहलैं सबै से मिलैं,
तनिकौ फ़िक्र न दानापानी का।
एकै लक्ष्य बना बाटै हम कैसेन,
पहुँची सब घरघर के दलानी मा।
काका-काकी बाबा-आजी से,
झूठ फुरा कह बात बनानी बा।
कालोनी एक तोहका हम देबै,
इंडिया मार्का हियाँ गड़ानी बा।
राशन कार्ड व जॉब कार्ड मा,
कुछ यूनिट व काम बढ़ानी बा।
गेहूँ चाउर चीनी सब कुछ देबै,
बस तोहके हमय जितानी बा।
वृद्धा पेंशन विधवा पेंशन सब,
कुछ लगवउबै हम प्रधानी मा।
हरेक घरा मा उजियारा लउबै,
जितबै जौ अबकी प्रधानी मा।
तोहरे घरे तक खड़ंजा बिछवैबै,
सब औअल ईंट नई लगानी बा।
इज्जत घर भी हम बनवाय देब,
बहू बिटिया कै लाज बचानी बा।
बीमारी में दवा करवउबै तोहरा,
फल फूल दूध सबै दिलानी बा।
लरिकन का स्कूले भेजउबै हम,
कापी किताब सबै दिलानी बा।
बिटिया कै शादी जौ पड़िहै तौ,
दान दहेज़ भी हमैं लिखानी बा।
गाँव का अपने चमकाय देब हम,
बस तोहरा का हमैं जितानी बा।
खाब्या पीब्या जउन चीज दै देबै,
जौने से मनब्या तोहैं मनानी बा।
हे अम्मा दीदी काकी भौजी दादी,
साड़ी तोहका देबै इहै बतानी बा।
बाबा बाबू काका भइयौ खातिर,
कुर्ता पायजामा धोती आनी बा।
गजब पायलगी दुआ वंदगी होवै,
चच्चा से ठोंके रोज सलामी बा।
नेतवन अइसेन ललचावत बाटें,
जैसेन ललचायेंन हर प्रधानी मा।
घर घर मा कुछ का फोर लिहेन,
बस अब दारू गोस मंगानी बा।
कुछ फिटफिटिया से टहर रहेन,
चारपहिया से धौंस जमानी बा।
सबै तौ खुदका हरिश्चन्द बतावैं,
जनता तौ केवल बहकानी बा।
ना जाने ई का खाय के रहत हैं,
झूठै बोलैं इनकै इहै निशानी बा।
सरकार देय न देय कुछू हम देबै,
इहै तौ वोटर दिल में बैठानी बा।
हलुआ पूड़ी लड्डू पेड़ा खवैहैं,
मुर्गामटन बिरियानी मंगानी बा।
देशी व अंग्रेजी दारू पिलवइहैं,
इहै जाल मा तौ हमैं फसानी बा।
देखौ तौ कैसेन हवा चल रही बा,
माहौल जउन अहय प्रधानी का।
हर चौराहे चौपाल मा देखौ अब,
खुसुर फुसुर कर वोट बढ़ानी बा।
कौनो जतन नेता जीत जौ जैहैं,
तब तो असली रूप दिखानी बा।
एक तसला सीमेंट दस बालू से,
नाली बनिहैं पीले ईंट लगानी बा।
बोरिंग इ 60-70 पर ही करवैहैं,
रुपिया जौ जेबे इन्हें बचानी बा।
1व6 कै ही प्लास्टरवा इ करवैहैं,
खड़ंजा उखाड़ा ईंट लगानी बा।
नहर तलाव सबै पुरान खोदवैहैं।
कगजे पै नया काम दिखानी बा।
एकौ ना स्कूल अस्पताल बनइहैं,
नइका चकरोड बना दिखानी बा।
वृक्षारोपण कबहूँ न सब करवैहैं,
चोक नाली सफाई दिखानी बा।
कम्बल जाड़ा मा कुछय बटवैहैं,
जेबे में बाकी सबै मालपानी बा।
ग्रामसेवक सेक्रेटरी लेखपाल इ,
मिल के लुटिहैं सब प्रधानी मा।
कुछ तौ बहुत नेक दिल हैं होते,
अपने जेबे से लगावैं प्रधानी मा।
नाम व पुण्य कमाय के खातिर,
कुछ गलत करैं न उ प्रधानी मा।
सोच समझ के वोट देह्या भइया,
बेकारै वोटवा जाय न पानी मा।
लेह्या न केहू से दुश्मनी तू भइया,
राह चलै बा गावैं मा बितानी बा।
पीढ़ी दर पीढ़ी कै बैर होय जावै,
खेते मेड़े कै झगड़ा न उठानी बा।
अच्छे अच्छे दोस्त शत्रु बन जावैं,
अक्सर चुनाव में जान गंवानी बा।
हरदल हर नेता सब साथे मिलिहैं,
काहे बेकारै पड़ी हम परेशानी मा।
एमएलए एमपी कै भी बात वहै,
बड़ मनमुटावी चुनाव प्रधानी बा।
सोच समझ के काम केह्या सब,
लालच तनकौ नहीं दिखानी बा।
ई लालच मा पड़ब्या जौ समझौ,
अक्ल चली गै तोहार नादानी मा।
केहू काम ना अइहैं हरदम तोहरे,
पड़ब्या जौ तू कभौं परेशानी मा।
अपने दिमाग से काम लेह्या सब,
सबै के साथे मिल के बितानी बा।
रोजै इ बयार बही ना जौंन अहै,
इहै चुनाव बाद इसे तो जानी बा।
पाँच वर्ष की फिर फुर्सत मिलिहै,
भाई चारा प्रेम से शेष बितानी बा।
रचयिता :
*डॉ.विनय कुमार श्रीवास्तव*
वरिष्ठ प्रवक्ता-पी बी कालेज,प्रतापगढ़ सिटी,उ.प्र.
इंटरनेशनल एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर-नार्थ इंडिया
एलायन्स क्लब्स इंटरनेशनल,कोलकाता,प.बंगाल
संपर्क : 9415350596
Last Updated on March 17, 2021 by dr.vinaysrivastava
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