Category: आलेख
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गांधी और हिंदी
अब एकबार फिर वक्त आ गया है कि हम गांधी की भाषा दृष्टि, उनके विचार तथा उनके साहस का सहारा ले स्वतंत्र भारत की भाषाई अस्मिता को सकारात्मक ढंग से प्रस्तुत कर अतीत की ऐतिहासिक भूलों का परिमार्जन करें।

पटाखा मुक्त इको-फ्रेंडली दीपावली मनायें
• आसिया फ़ारूकी हमारा देश भारत त्योहारों का देश है। तमाम सामाजिक एवं सांस्कृतिक विविधता होने के बावजूद
उत्तर सत्य युग में राष्ट्रीय साँस्कृतिक जागरण
वर्तमान संदर्भ में मीडिया और राष्ट्रीय साँस्कृतिक जागरण डाॕ पद्मप्रिया असोसिएट प्रोफेसर हिन्दी विभाग, पाँडिच्चेरी विश्वविद्यालय आधुनिक

विश्व भाषा के रूप में हिंदी
विश्व भाषा के रूप में हिंदी पोपट भावराव बिरारी सहायक प्राध्यापक कर्मवीर शांतारामबापू कोंडाजी वावरे कला, विज्ञान व

बाल साहित्य और मनोविज्ञान
बाल साहित्य और मनोविज्ञान पोपट भावराव बिरारी सहायक प्राध्यापक कर्मवीर शांतारामबापू कोंडाजी वावरे कला, विज्ञान व वाणिज्य महाविद्यालय

अनुवाद कला
अनुवाद कला पोपट भावराव बिरारी सहायक प्राध्यापक कर्मवीर शांतारामबापू कोंडाजी वावरे कला, विज्ञान वाणिज्य महाविदयालय सिडको, नासिक ईमेल