*हँसी ख़ुशी प्रेम से रहें घर ही स्वर्ग है*
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रचयिता :
*डॉ.विनय कुमार श्रीवास्तव*
वरिष्ठ प्रवक्ता-पी बी कालेज,प्रतापगढ़ सिटी,उ.प्र.
बिना कुछ करे ना कभी कुछ मिला है,
कर्मों का फल ही तो सदा ये मिला है।
भले लोग चाहें कि हमें सब नसीब हो,
मुमक़िन नहीं है सब अपने नसीब हो।
देता वही है प्रभु जो हक़ में है अच्छा,
उसके अलावा ना कोई साथी सच्चा।
मिले स्वर्ग हमको सब पाना चाहते हैं,
मरना तो कोई भी ना मगर चाहते हैं।
अपने मरे बिन ना मिलता ये स्वर्ग है,
हँसी ख़ुशी प्रेम से रहें तो घर स्वर्ग है।
मचायेंगें चाचर कलह करें तो नर्क है,
सुबह शाम झगड़े तनी तना नर्क है।
जीवन हो ऐसे तो ये जीवन बेकार है,
नफ़रतें ये छोड़ें करें प्रेम ना बेकार है।
प्रेम ही तो जीवन का सत्य आधार है,
प्रेम ही मानव का मात्र एक संसार है।
धर्म कर्म परोपकार केवल ये लक्ष्य हो,
संकटों में भी मुस्काएं ये परिलक्ष्य हो।
डगमगाये चाहे नैया पहुंची हो मंझधार,
ईश्वर ही करेगा जीवन सब ये बेड़ापार।
रचयिता :
*डॉ.विनय कुमार श्रीवास्तव*
वरिष्ठ प्रवक्ता-पी बी कालेज,प्रतापगढ़ सिटी,उ.प्र.
(शिक्षक,कवि,लेखक,समीक्षक एवं समाजसेवी)
इंटरनेशनल चीफ एग्जीक्यूटिव कोऑर्डिनेटर
2021-22,एलायन्स क्लब्स इंटरनेशनल,प.बंगाल
संपर्क : 9415350596
Last Updated on June 26, 2021 by dr.vinaysrivastava
- डॉ.विनय कुमार श्रीवास्तव
- वरिष्ठ प्रवक्ता
- पी बी कालेज
- [email protected]
- 156 - अभय नगर, प्रतापगढ़ सिटी, उ.प्र., भारत- 230002