
sarnasushil

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नासूर
बन जाती हैं दूरियाँ, रिश्तों में नासूर । मधुर वचन से कीजिए, मतभेदों को दूर । । सुशील
February 27, 2021
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दोहा त्रयी :….आहट
दोहा त्रयी :….आहट हर आहट में आस है, हर आहट विश्वास।हर आहट की ओट में, जीवित अतृप्त
February 25, 2021
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जीने से पहले ……
जीने से पहले …… मिट गईमेरी मोहब्बतख़्वाहिशों के पैरहन में हीजीने से पहले जाने क्या सूझीइस
February 25, 2021
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सुशील सरना कृत ‘दोहा त्रयी’ – ‘वृद्ध’
चुटकी भर सम्मान को, तरस गए हैं वृद्ध । धन-दौलत को लालची, नोचें बन कर गिद्ध । ।
February 23, 2021
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दिल से बड़ा कोई ताज नहीं, ,,,,,,,,,,,,
क्यों आ के किनारे पर डूबी ये कश्ती हमको याद नहीं बस दर्दे मोहब्बत है दिल में और
February 21, 2021
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दिल से बड़ा कोई ताज नहीं, ,,,,,,,,,,,,
क्यों आ के किनारे पर डूबी ये कश्ती हमको याद नहीं बस दर्दे मोहब्बत है दिल में और
February 21, 2021
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February 20, 2021
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दिल से बड़ा कोई ताज नहीं…..
दिल से बड़ा कोई ताज नहीं….. क्यों आ के किनारे पर डूबी कश्ती हमको याद नहीं बस
February 19, 2021
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क्षणिकाएं :…..यथार्थ
क्षणिकाएं :…..यथार्थ 1. मैंकभी मरता नहींजो मरता हैवोमैं नहीं… … … … … … … 2. ज़िस्म
February 19, 2021
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