
sapnanegi68

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प्रेम
प्रेम माँ-बाप का प्रेम जग में सबसे अनमोल बच्चों की छोटी छोटी खुशियों में ढूँढें जो
October 29, 2020
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सपना की कविता – ‘बेरोजगार’
बेरोजगार कितना मुश्किल यह स्वीकार हूँ, मैं भी बेरोजगार। सत्य को झुठलाया भी नहीं जा सकता न ही
October 21, 2020
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सपना नेगी की कविता – ‘धन्यवाद कोरोना!’
कोरोना ! तुमने हमें बहुत कुछ स्मरण करवा दिया पश्चिमीकरण की चकाचौंध में फंसकर अपनी पुरातन संस्कृति भूल
October 17, 2020
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सपना की नई कविता ‘ मैं हूं भी बेरोजगार’
कितना मुश्किल करना है स्वीकार कि, हूँ मैं भी बेरोजगार। सत्य झुठलाया भी नहीं जा सकता न ही
September 17, 2020
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