कितने भौतिकवादी हो गए हैं हम : प्राज
साँई इतना दीजिए, जामे कुटुम समाय। मैं भी भूखा ना रहूँ, साधु न भूखा जाय।। कबीर जी
सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया
सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं
प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया
सुप्रसिद्ध चित्रकार, समाजसेवी एवं
मुख्य संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया
साँई इतना दीजिए, जामे कुटुम समाय। मैं भी भूखा ना रहूँ, साधु न भूखा जाय।। कबीर जी