काव्य धारा -14
मंगल मूरत जै जै जै गण पति गण नायक शुभ कर्मों के देव विनायक जै जै जै गण पति गण नायक!! मातृ भक्ति की शक्ति प्रथम पूज्यते देव गज़ानन!! जै …
मंगल मूरत जै जै जै गण पति गण नायक शुभ कर्मों के देव विनायक जै जै जै गण पति गण नायक!! मातृ भक्ति की शक्ति प्रथम पूज्यते देव गज़ानन!! जै …
जै जै जै अम्बे मातु भवानी माँ दुर्गा जग कल्याणी!!जै जै जै अम्बे मातु भवानी माँ दुर्गा जग कल्याणी!! मनोकामना कि तू माता, ममता का आँचल वात्सल्य कि मुरत सूरत …
राम तो जीवन मूल्यों का नामराम धर्म धैर्य का मान।।राम विशुद्ध सात्विक संस्कारराम राम से प्रणाम।।राम राम राम अभिशाप राम नाम ही आदि राम नामही अंत हर ह्रदय में राम …
चलो आज हम राम को खोजे कहाँ हम आ गए खुदको खोजते भटकतेनगर की हर डगर पर तेरा नाम लिखा हैंतेरी अवनि का कण कण एक दर्पण के जैसा हैं।तेरी …
चलो राम बताएं– चलो आज हम राम बताएंराम मर्यादा अपनाएँ।। राम रिश्ता मानवता कीअलख जगाएं।। प्रभु राम का समाज बनाएंमात पिता की आज्ञा सेवा स्वयं सिद्ध का राम बनाएं।। भाई …
राम स्वयं को भक्त राम काकहते बड़ा मुश्किल हैभक्त राम का बन पाना।। राम तो मर्यादा पुरुषोत्तमकठिन है जिंदगी में मर्यादानिभा पाना।। पिता की आज्ञा से स्वीकाराराम ने वन में …
——जग जननी माँ—– 10-जग जननी दुःख हरणी ,मंगल करनी तू तारणहारी तू सकल जगत संसार माँ।।दुष्ट विनासक, भय भव भंजकपल, प्रहर अविरल युग प्रवाह माँ।।जग जननी तू सकल जगत संसार …
माँ आओ मेरे द्वार माईया पधारों घर द्वारेभक्तों का है इंतज़ारघर घर तेरा मंडप सजा हैमाईया के स्वागत का दिन रात।। माईया तेरे रूपों का संसारमाईया तू ही अवनि की …
भय भव भंजक कष्ट निवारिणी पाप नाशिनी माँजय जय जय दुर्गे सकल मनोरथदायनी माँ।। दुर्लभ ,सुगम शुभ मंगल करतीअंधकार की ज्योति माँ।जय जय जय दुर्गे सकल मनोरथ दायनी माँ।। आगम …
जगत माँ जग जननी दुःख हरणी ,मंगल करनी तू तारणहारी तू सकल जगत संसार माँ।।दुष्ट विनासक, भय भव भंजकपल, प्रहर अविरल युग प्रवाह माँ।।जग जननी तू सकल जगत संसार माँ।।पाप …