
काव्य धारा

प्रेम काव्य लेखन प्रतियोगिता हेतु – नि:स्वार्थ प्रेम
नि:स्वार्थ प्रेम तुम्हारे आने से ज़िन्दगी में मेरी, खुशियों ने ली अंगड़ाई है| सनम तुम मानो या न
सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया
सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं
प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया
सुप्रसिद्ध चित्रकार, समाजसेवी एवं
मुख्य संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया
नि:स्वार्थ प्रेम तुम्हारे आने से ज़िन्दगी में मेरी, खुशियों ने ली अंगड़ाई है| सनम तुम मानो या न
अतुल्य भारत भारत माँ की हम सन्तान, मिला हमें है यह वरदान | देव भी जन्म लेने को
पुरुषों से समानता की चाह में, नारी महानता क्यों भूल रही? आधुनिकता की होड़ में, अपनी मर्यादाएँ क्यों