– विश्व लाड़ली
विश्व कि तुम लाड़ली हो!
जगत कि कल्याणी हो!!
इस जगत में सताई हो!
फिर भी समाज को बचाई हो!!
अपने ही जगत में लाड़ली!
प्रेम व्यावहार कि पराई हो!!
फिर भी सारा बोझ लाड़ली!
अपने सिर ले आई हो!!
तेरे साथ कितना अन्याय लाड़ली!
फिर भी सबको अपनाई हो!!
जब भी संकट मडराई है लाड़ली!
तुम तीर तलवार चलाई हो!!
तुम ही जग कल्याणी माँ हो!
तुम ही विश्व लाड़ली हो!
गर्व जगत को होता तब से!
जब से वीर साहसी बनती आई हो!!
रचनाकार – अमित कुमार गौतम “स्वतंत्र”
• प्रधान संपादक – समय INDIA 24
• सहायक संपादक (मीडिया प्रकोष्ठ) – सृजन आस्ट्रेलिया ई पत्रिका
• पुस्तक – अनुराग (काव्य संग्रह – हिन्दी भाषा एवं बघेली बोली)
पता – ग्राम रामगढ़ न.2, तह. – गोपद बनास, जिला – सीधी ,मध्यप्रदेश पिनकोड-486661
मोबाईल – 8602217260, 8839245425
Last Updated on January 13, 2021 by gautamsvatantra94
- अमित कुमार गौतम"स्वतंत्र"
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