मोह
मोह़़़़़़़़़़़़सांसों से मोह कभी छूटता नहीं ,बंधनों में बंध कर भी दम घुटता नहीं!! शाम निराश तो करती है, पर सुबह की किरणें देख आस का धागा टूटता नहीं! तिरस्कार, …
मोह़़़़़़़़़़़़सांसों से मोह कभी छूटता नहीं ,बंधनों में बंध कर भी दम घुटता नहीं!! शाम निराश तो करती है, पर सुबह की किरणें देख आस का धागा टूटता नहीं! तिरस्कार, …
मोह़़़़़़़़़़़़सांसों से मोह कभी छूटता नहीं ,बंधनों में बंध कर भी दम घुटता नहीं!! शाम निराश तो करती है, पर सुबह की किरणें देख आस का धागा टूटता नहीं! तिरस्कार, …
पवन पुत्र शिष्य पुत्र शनिदुःख भय भंजक न्याय दंडके दाता सारे सूरज संगभाग्य दुर्भाग्य के दाता।।धर्म शास्त्रों में देवता विज्ञान वैज्ञानिक कीशोध कल्पना परिकल्पनाअविनि परिक्रमा करतीदिवस माह वर्ष युग कालकी …
युग के हर प्राणी की निद्राशौर्य सूर्य के सुबह शाम कीप्रतिद्वंनि आकर्षक ।।नई सुबह आशा विश्वाशसंबाद संचार गति चाल कालसूरज का युग ब्रह्मांड व्यवहारना जाने कितने ही है पर्याय नाम।।सूरज …
ना कोई लाचारी ना कोईदुःख व्याधि कायनात मेंखुशियों खुशबू का हर मनआँगन घर आँगन से नाताशौर्य सूर्य कहलाता।।युग मे नित्य निरंतर कालकी गति अविराम काल कदाचितसूरज गति का सापेक्ष कालनिरन्तर …
ब्रह्म मुहूर्त की बेला मेंमंदिर में घन्टे घड़ियालेबजते गुरु बानी सबदकीर्तन गुरुद्वारों मेंमस्जिदों में आजाने होती।।सबकी उम्मीदे चाहतनई सुबह के आने वाले सूरज से होती।।आएगा अपनी किरणोंसंग सृष्टि की दृष्टी …
प्रिय छवि कवि अपने नैसर्गिक वितान में अपना प्रिय ढूंढता है उसी में कवि की खुशियाँ व काव्य-धारा के शब्द की महक बिखरती हैं। मेरे इसी नैसर्गिक प्रियतम जहाँ ऊपर …