महिला दिवस काव्य प्रतियोगिता – मैं नारी हूँ
मैं नारी हूँ मैं नारी ,मैं नारी हूँ अबला नहीं बिचारी हूँस्वयंसिद्धा मैं अन्नपूर्णा मैं लक्ष्मी दुर्गा अवतारी
सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया
सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं
प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया
सुप्रसिद्ध चित्रकार, समाजसेवी एवं
मुख्य संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया
मैं नारी हूँ मैं नारी ,मैं नारी हूँ अबला नहीं बिचारी हूँस्वयंसिद्धा मैं अन्नपूर्णा मैं लक्ष्मी दुर्गा अवतारी
जल उठे दीप जल उठे दीप दोऊ ,आरती तो सजाने दे भावना का भोग , इस देवी को
जाग वीर जाग वीर वीरता भर ,निंद्रा का तू त्याग कर दे भारती के आन पर तू,