
क्षणिकाएं

महिला दिवस काव्य प्रतियोगिता हेतु कविता – एक युद्ध स्त्री को लेकर
द्रुत गति से बहती सरिता की कलकल है या विस्मय के होठों पर ठहरा पल है काश.. कभी
सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया
सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं
प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया
सुप्रसिद्ध चित्रकार, समाजसेवी एवं
मुख्य संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया
द्रुत गति से बहती सरिता की कलकल है या विस्मय के होठों पर ठहरा पल है काश.. कभी
मुक्त चित् प्राण मन से, अहोराष्ट्र की वन्दना हम करेंशुद्ध चित् प्राण मन से, अहोअभ्यर्थना हम करेंराष्ट्र ही