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1. “हिन्दुस्तान” 2. “मैं वापस आऊँगा”

_हिन्दुस्तान_

सत्ता के सिंहासन पर विराजे है
तिरंगा हमारा
शान है इसकी ऊँची और
हौंसले बांधे हर वक्त हमारा,

देशभक्ति नहीं केवल
तिरंगा लहराना
देशभक्ति की परिभाषा तो है
हिन्दुस्तानी कहलाना,

धर्म,जाति,रंग-रूप का ना कोई वास्ता
भारतीय मेरी अस्मिता है
मानवता ही नहीं केवल
सशक्त बनना भी निष्ठता है,

मिट्टी के ख़ातिर हमारे देश की
शीश कि कुर्बानी दे देते हैं
ह्रदय में रखते हिन्दुस्तान अपने
स्वयं को अर्पित कर देते हैं,

माथे का सिंदूर प्रिय का
मातृ-भू को सौंप दिया
ऐसे महारथियों ने जन्म लेकर
वतन को हमारे ऊँचा किया,

अद्भुत ही है आन-बान-शान इसकी
दशकों से ही खिलखिला रही
शांति दूत है हिन्दुस्तान क्योंकि
सबके दिल में वतन-ए-आबरू रही,

देश प्रेम की धारा बहती
पावन पर्व की बेला है कहती
निश्चल भाव की ये अमर कहानी
सदैव ही सुंदर इतिहास दिखाती,

आज़ाद भारत के वासी हैं हम
वीरों की गाथा सुनते हैं
लहू-लुहान हुए जो हैं
उन सभी को सलाम करते हैं,

अखण्ड ज्योति की जलती ज्वाला
हिन्दुस्तान को सम्मानित करती है
क्योंकि हर वक्त लहराता
बुलंदियों पर तिरंगा है,

मर कर भी जो ना निकले मेरे
देश की उल्फ़त ऐसा
त्योहार मनाया जाए
मिट्टी से आती खुशबु-ए-वफ़ा ऐसा
जश्न-ए-आज़ादी मनाया जाए।।

*** 

और

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_मैं वापस आऊँगा_

अपने घर के आंगन से बहुत दूर हूँ
ये ना समझना के मैं मजबूर हूँ.!

गंगा और यमुना सा पवित्र हूँ
सावन की हरियाली सा पावन हूँ,
मेरी माँ करती जिसका इंतज़ार
उस माँ का लाडला सा वीर मैं हूँ,
श्रंगार सजी राह ताके मेरी दुल्हन
उसके विरह वेदना में तड़पन की कहानी मैं हूँ,
बैठी है मेरी प्यारी बहन थाल में राखी सजाए
उसकी राखी का हकदार मैं हूँ,
सुनाते मेरी बहादुरी के किस्से गर्व से सबको
अपने बूढ़े बाबा का अभिमान मैं हूँ,

कहा था मैंने माँ से अपनी
माँ तुम चिंता मत करना,
बस थोड़ी सी मजबूरी है
कुछ मीलों की ही दूरी है,
मैं फिर वापस आँऊगा
सबके चहरे की खुशी बन जाऊँगा,

वादा है मेरा मैं वापस आऊँगा
भारत माँ के मुकुट की शान बनकर दिखाऊँगा..
लेकर जान हथेली पर मैं उफ़ तक ना कहूँगा
भारत माँ का वीर हूँ मैं सारे फर्ज़ निभाऊँगा…

भूला नहीं हूँ माँ तुझसे किया वादा मैं अपना
खुद ना आ सका तो,
तिरंगे में लिपटकर आऊँगा,
रोना मत मुझे देख तुम सब
लड़ते-लड़ते कठिनाईयों से
अपना सर कटवाऊँगा,
सेना का जवान हूँ मैं
देश की शान में शहीद हो जाऊँगा ।।

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नाम- मेघा
पता- L-2/6A शास्त्री नगर दिल्ली-110052
ई मेल- [email protected]
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व्हाट्स्ऐप नंबर- 9711100577
पदनाम- विद्यार्थी
महाविद्यालय- कालिंदी महाविद्यालय (दिल्ली विश्वविद्यालय)
तृतीय वर्ष
हिन्दी विभाग
महाविद्यालय पता- ईस्ट पटेल नगर नई दिल्ली-110008