पंगा मत लो नॉटी गर्ल,इन्हें अच्छे की भी समझ है और बुरे की भी, सरकार नहीं ‘सर्वकार’ हैं यें….
सुशील कुमार ‘नवीन’ तेज प्रवाह से बहते नदी के पानी से टकराव मूर्खता ही तो होगी। कड़ाहे में खौलते तेल में हाथ डाल ऊष्मता को जांचना समझदारी थोड़े ही न …
सुशील कुमार ‘नवीन’ तेज प्रवाह से बहते नदी के पानी से टकराव मूर्खता ही तो होगी। कड़ाहे में खौलते तेल में हाथ डाल ऊष्मता को जांचना समझदारी थोड़े ही न …
हालात ए किसान यह जो तेरे घर में अन्न आया है। जरा सोचो किसने पसीना बहाया है। चाह मिटायी , चिन्ता पाई , चैन की नींद ना आई, तुझे दिया, …
जिस दिन तुम खुद को अकेला पाओ, घबराओ ,डर जाओ और उसका सामना ना कर पाओ। उस दिन एक बार हिम्मत करके अपने माता -पिता के पास जाना हो सकता …
सुशील कुमार ‘नवीन’ न्यूं कै दीदे पाड़कै देखण लाग रहया सै, इसा मारूंगी दोनूं आंख बोतल के ढक्कन ज्यूं लिकड़कै पड़ ज्यांगी। आया म्हारा गाम्म का …ला। किसे मामलै ने …
सुशील कुमार ‘नवीन’ प्रकृति का नियम है हर बड़ी मछली छोटी को खा जाती है। जंगल में वही शेर राजा कहलाएगा,जिसके आने भर की आहट से दूसरे शेर रास्ता बदल …
सुशील कुमार ‘नवीन’ आप सोच रहे होंगे कि आज सूरज कौन सी दिशा में जा रहा है। गलत दिशा तो नहीं पकड़ ली है। घबराइए मत। सूरज भी अपनी सही …
द ग्रेट पॉलीटिकल ड्रामे का सुपर परफॉर्मर है ‘अर्नब ‘ Read More »
सामयिक व्यंग्य: पावर ऑफ टाइम सुशील कुमार ‘नवीन’ राजा नम्बर वन, मंत्री-सभासद नम्बर वन। प्रजा नम्बर वन,प्रजातन्त्र नम्बर वन। प्रचार नम्बर वन, प्रचारक नम्बर वन। प्रोजेक्ट नम्बर वन, प्रोजेक्टर नम्बर …
सामयिक लेख: कृषि विधेयक सुशील कुमार ‘नवीन’ पिछले एक पखवाड़े से देशभर में किसान और सरकार आमने-सामने हैं। मामला नये कृषि विधेयकों का है। सरकार और सरकारी तंत्र लगातार …
– सुशील कुमार ‘नवीन’ फिलहाल एक प्रसिद्ध आभूषण निर्माता कंपनी का विज्ञापन इन दिनों खूब चर्चा में है। हो भी न क्यों हो। सौ करोड़ से भी ज्यादा आबादी वाले …
सामयिक व्यंग्य : नफा-नुकसान – सुशील कुमार ‘नवीन’ सुबह-सुबह घर के आगे बैठ अखबार की सुर्खियां पढ़ रहा था। इसी दौरान हमारे एक पड़ोसी धनीराम जी का आना हो गया। …
ऐसे तो महंगा पड़ जाएगा ‘फ्री’ का हरी मिर्च और धनिया Read More »