विवेक की चार कविताएं
1 हमने हर मोड़ पर जिसके लिये, ख़ुद को जलाया है। उसी ने छोड़कर हमको, किसी का घर बसाया है।। किया है जिसके एहसासों ने, मेरी रात को रोशन। सुबह …
1 हमने हर मोड़ पर जिसके लिये, ख़ुद को जलाया है। उसी ने छोड़कर हमको, किसी का घर बसाया है।। किया है जिसके एहसासों ने, मेरी रात को रोशन। सुबह …