डॉ. नानासाहेब जावळे की कविता – “समाज और व्यक्ति”

व्यक्ति और समाज का संबंध है पेड़ और भूमि जैसा  व्यक्तित्व रूपी पेड़ समाज रूपी भूमि पर खूब फूलता-फलता हो जैसा।  व्यक्ति और समाज  हैं दोनों पारस्परिक  एक दूसरे के …

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