मनोरंजन तिवारी की कहानी – ‘दिवाली का उपहार’

साहब ने घर के भीतर से लाकर उसका वेतन और एक मिठाई का पैकेट पकड़ा दिया। वेतन में से तीन हजार रूपया काट लिए थे, जो हरी ने महीने के शुरू में ही एडवांस लिया था, पत्नी के दवाई के लिए।