न्यू मीडिया में हिन्दी भाषा, साहित्य एवं शोध को समर्पित अव्यावसायिक अकादमिक अभिक्रम

डॉ. शैलेश शुक्ला

सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

सृजन ऑस्ट्रेलिया | SRIJAN AUSTRALIA

6 मैपलटन वे, टारनेट, विक्टोरिया, ऑस्ट्रेलिया से प्रकाशित, विशेषज्ञों द्वारा समीक्षित, बहुविषयक अंतर्राष्ट्रीय ई-पत्रिका

A Multidisciplinary Peer Reviewed International E-Journal Published from 6 Mapleton Way, Tarneit, Victoria, Australia

डॉ. शैलेश शुक्ला

सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं
प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

श्रीमती पूनम चतुर्वेदी शुक्ला

सुप्रसिद्ध चित्रकार, समाजसेवी एवं
मुख्य संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

नई कविता

image_pdfimage_print

चंद्र मोहन किस्कू  की कविता – ‘शायद तुम्हारे लिए आनंद हैं’

पेट की गड्ढे को भरने
जलती आग को
बुझाने के लिए
तुमसे कितना प्रार्थना किया
एक मुट्ठी भोजन के लिए
बार -बार गया तुम्हारे पास
पर तुम
बचा हुआ भोजन को
अधखाया और जूठन को
मुझे देने में
तुम्हे नागवार लगा

blackhouse, cabin, storm

मीनाक्षी डबास की नई कविता: रिमझिम-रिमिझम

रिमझिम रिमझिम  बरसे फुहार  मन नाचे मेरा  करे पुकार l रिमझिम रिमझिम  बरसो पानी  भू पर लिख दो  फिर नई कहानी  रिमझिम रिमझिम  कदम बढ़ाए डालों को तुम  चलो भिगोएं …

मीनाक्षी डबास की नई कविता: रिमझिम-रिमिझम Read More »

सुखबीर दुहन की नई कविता- हालात-ए-किसान

हालात ए किसान यह जो तेरे घर में अन्न आया है। जरा सोचो किसने पसीना बहाया है। चाह मिटायी , चिन्ता पाई , चैन की नींद ना आई, तुझे दिया, …

सुखबीर दुहन की नई कविता- हालात-ए-किसान Read More »

मनीष खारी की नई कविता -मेरे बच्चों के लिए

जिस दिन तुम खुद को अकेला पाओ, घबराओ ,डर जाओ और उसका सामना ना कर पाओ। उस दिन एक बार हिम्मत करके अपने माता -पिता के पास जाना हो सकता …

मनीष खारी की नई कविता -मेरे बच्चों के लिए Read More »

अमूल्य त्रिपाठी की नई कविता – “तेरी मुहब्बत”

वो रातें मुझे पसंद है, वो बातें मुझे पसंद है, तेरी मुहब्बत की हर, यादें मुझे पसंद है। चाँदनी रातों में तेरा, खूबसूरत दमकता चेहरा, इन आँखों को बड़ा पसंद …

अमूल्य त्रिपाठी की नई कविता – “तेरी मुहब्बत” Read More »

प्रभांशु की नई कविता कूड़े वाला आदमी

वह आदमी निराश नही है अपनी जिन्दगी से जो सड़क किनारे कूड़े को उठाता हुआ अपनी प्यासी आंखो से कुछ दूढ़ता हुआ फिर सड़क पर चलते हंसते खिलखिलाते धूलउड़ाते लोगों …

प्रभांशु की नई कविता कूड़े वाला आदमी Read More »

रमेश कुमार सिंह रुद्र की नई कविता ‘मां सरस्वती’

वीणावादिनी ज्ञानदायिनी ज्ञानवान कर दे…. माँ रूपसौभाग्यदायिनी नव रुप भर दे…. हंसवाहिनी श्वेतांबरी जग उज्ज्वल कर दे….. वीणापाणिनि शब्ददायिनी शब्दों से भर दे…. ज्योतिर्मय जीवन तरंगमय जीवन सभी जन प्रकाशयुक्त …

रमेश कुमार सिंह रुद्र की नई कविता ‘मां सरस्वती’ Read More »

हेतराम हरिराम भार्गव की कविता- ‘मैं वही तुम्हारा मित्र हूं..’

मैं वही तुम्हारा मित्र हूं… मैं धर्म निभाता मानवता का, मैं सत्य धर्मी का मित्र हूँ न्याय उचित में सदा उपस्थित मैं धर्म प्रेम का चरित्र हूँ मैं सदा मित्र …

हेतराम हरिराम भार्गव की कविता- ‘मैं वही तुम्हारा मित्र हूं..’ Read More »

रानू चौधरी की नई कविता, यक्ष प्रश्न

यक्ष प्रश्न किसानों की मुस्कराहट से लहराते हैं खेत खेतों के लहराने से मुस्कराता है पूरा देश | मुस्कान किसानों की क्यों जाती दिख रही हैं खेतों की हरियाली क्यों …

रानू चौधरी की नई कविता, यक्ष प्रश्न Read More »

error: Content is protected !!