डॉ. श्याम लाल गौड़ की कविता – ‘स्त्री विमर्श’ Leave a Comment / काव्य धारा / By shyamlalg56 उसके त्याग को न भूलो तुम, उसके जीवन के महत्ता नहै कम। वह तुमसे किये का उपकार ना चाहती, उसे तुम मां बेटी बहू कुछ तो समझो।। स्त्री नहीं… TweetSharePinShare