उच्च माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों में भविष्य को लेकर बढ़ते हुए तनाव का अध्ययन।

वर्तमान युग औद्योगिकरण, शहरीकरण, प्रौद्योगिक का युग है। इस युग में बदले सामाजिक मूल्यों के कारण पश्चिमी होड़ में शामिल होने के कारण, समाज में ज्ञान के स्थान पर ‘भौतिकवाद’ का प्रभाव ज्यादा हो गया है इन सब के कारण सामाजिक जटिलताएँ अधिक हो गई है इन सब से मानव जीवन में तेज रफ्तार से थकान और तनाव बढ़ता जा रहा है। वर्तमान समय में मनुष्य को प्राय: तनावजन्य स्थितियों का सामना करना पड़ता है। अपने भविष्य को लेकर हर मनुष्य के मन में कई प्रकार के प्रश्न होते हैं जिनमें आकांक्षा, उत्साह, प्रसन्नता, भय, तनाव हर स्थिति होती है।