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अंतरराष्ट्रीय हिंदी पत्रकारिता माह – 2025 : वैश्विक स्तर पर हिंदी पत्रकारिता के 200 वर्षों का भव्य आयोजन

अंतरराष्ट्रीय हिंदी पत्रकारिता माह – 2025 : वैश्विक स्तर पर हिंदी पत्रकारिता के 200 वर्षों का भव्य आयोजन

हिंदी पत्रकारिता के 200 वर्षों की गरिमामयी यात्रा के स्मरणीय अवसर पर एक अभूतपूर्व अंतरराष्ट्रीय आयोजन “अंतरराष्ट्रीय हिंदी पत्रकारिता माह – 2025” का आयोजन 30 मई से 30 जून 2025 तक किया जा रहा है। इस ऐतिहासिक अवसर पर न्यू मीडिया सृजन संसार ग्लोबल फाउंडेशन एवं अदम्य ग्लोबल फाउंडेशन  के सहयोग से यह आयोजन त्रिपुरा केन्द्रीय विश्वविद्यालय, डॉ. आंबेडकर चेयर, पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय, बठिंडा, आशा पारस फॉर पीस एंड हार्मनी फाउंडेशन, एकलव्य विश्वविद्यालय (दमोह, मध्य प्रदेश), अमरावती ग्रुप ऑफ इन्स्टिच्यूशन, थाईलैंड हिंदी परिषद, जगत तारन गर्ल्स डिग्री कॉलेज, प्रयागराज, शासकीय रामानुज प्रताप सिंहदेव स्नातकोत्तर महाविद्यालय, सृजन ऑस्ट्रेलिया, सृजन मॉरीशस, सृजन कतर, सृजन मलेशिया, सृजन अमेरिका, सृजन थाईलैंड, सृजन यूरोप, मधुराक्षर जैसी विश्व की अग्रणी अंतरराष्ट्रीय हिंदी पत्रिकाओं और कई वैश्विक संस्थाओं के संयुक्त तत्वावधान में विविध स्तरों पर आयोजित किया जा रहा है। इस पूरे आयोजन का उद्देश्य वैश्विक परिप्रेक्ष्य में हिंदी पत्रकारिता की ऐतिहासिक, समकालीन और भविष्यगत भूमिका पर विमर्श, शोध, विश्लेषण और उत्सव के माध्यम से एक व्यापक संवाद स्थापित करना है।

पूरे माह भर चलने वाले इस उत्सव के अंतर्गत 30 से अधिक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियाँ, वैश्विक शोध लेखन प्रतियोगिताएँ, हिंदी पुस्तकों का लोकार्पण, ऑनलाइन कार्यशालाएँ, कवि सम्मेलन, लेखन कार्यशालाएं, तकनीकी कार्यशालाएं,लेखकों के साथ बातचीत, युवा पत्रकारों हेतु प्रशिक्षण कार्यशालाएं,  दूरदराज क्षेत्रों में हिंदी पत्रकारिता पर सेमिनार, थीम आधारित पोस्टर प्रतियोगिताएँ, हिंदी ब्लॉगिंग और पॉडकास्टिंग से जुड़े नवाचारों पर प्रदर्शनियाँ, और विशेषांक/विचार गोष्ठियाँ आयोजित की जा रही हैं। इन आयोजनों में प्रयागराज, बरेली (रूहेलखंड), दमोह (मध्यप्रदेश), त्रिपुरा (पूर्वोत्तर भारत), पंजाब, थाईलैंड, मॉरीशस, मलेशिया, अमेरिका, कतर, ऑस्ट्रेलिया आदि में हाइब्रिड मोड में संगोष्ठियाँ आयोजित होंगी, जिनमें सैकड़ों शोधार्थी, पत्रकार, लेखक, शिक्षाविद, डिजिटल कंटेंट क्रिएटर और भाषाविद् प्रतिभागिता करेंगे।

 

एक माह से अधिक समय तक चलने वाले इस ‘अंतरराष्ट्रीय हिंदी पत्रकारिता-माह’ का उद्देश्य क्षेत्रीय स्तर पर हिंदी पत्रकारिता की दशा-दिशा, डिजिटल माध्यमों में हिंदी की सशक्त उपस्थिति, सोशल मीडिया में हिंदी की भूमिका, नागरिक पत्रकारिता, आंचलिक पत्रकारिता की चुनौतियाँ और संभावनाएँ, तकनीकी नवाचारों में हिंदी का स्थान, और पत्रकारिता में नैतिकता जैसे मुद्दों पर समसामयिक और अकादमिक विमर्श को बढ़ावा देना है। इन संगोष्ठियों में प्राप्त लेखों को आईएसबीएन युक्त पुस्तकों एवं अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित किया जाएगा जिनका लोकार्पण वैश्विक स्तर पर किया जाएगा। आयोजन की संयोजिका पूनम चतुर्वेदी शुक्ला, संस्थापक-निदेशक, न्यू मीडिया सृजन संसार ग्लोबल फाउंडेशन एवं अदम्य ग्लोबल फाउंडेशन, ने बताया कि प्रत्येक संगोष्ठी को हिंदी के एक प्रमुख विषय से जोड़ा गया है जिससे भारत के विभिन्न क्षेत्रों में हिंदी पत्रकारिता के योगदान पर एक समग्र दृष्टिकोण सामने लाया जा सके।

 

 

इस अंतरराष्ट्रीय आयोजन की एक विशेष पहल है “अंतरराष्ट्रीय शोधपरक समीक्षात्मक आलेख लेखन प्रतियोगिता” जो डॉ. शैलेश शुक्ला की चर्चित पुस्तक हिंदी भाषा और तकनीक” पर केंद्रित है। इस प्रतियोगिता में वैश्विक स्तर पर शोधार्थी, विद्यार्थी, लेखक, भाषा प्रेमी, शिक्षक भाग ले सकते हैं। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य हिंदी और तकनीक के समागम पर शोध को बढ़ावा देना और डिजिटल युग में हिंदी की बदलती भूमिका पर विमर्श को गहराई देना है। प्रतियोगिता पूर्णतः निःशुल्क है और उत्कृष्ट आलेखों को सम्मानित करने के साथ-साथ प्रकाशित भी किया जाएगा। प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र और पुरस्कार राशि के अतिरिक्त पुस्तकें भी भेंट की जाएँगी।

 

कार्यक्रमों की पूरी सूची में प्रयागराज की हिंदी पत्रकारिता, रूहेलखंड में डिजिटल पत्रकारिता, मध्यप्रदेश में हिंदी साहित्य और मीडिया, थाईलैंड में डिजिटल मीडिया, पूर्वोत्तर भारत की मीडिया चुनौतियाँ, छत्तीसगढ़ और पंजाब में डिजिटल पत्रकारिता के नए आयाम, और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हिंदी पत्रकारिता की भूमिका जैसे विषयों को शामिल किया गया है। इन सभी आयोजनों में प्राप्त शोध आलेखों का संकलन पुस्तकों में प्रकाशित होगा जिनमें प्रो. आशा शुक्ला, डॉ. शैलेश शुक्ला, प्रो. हरीश अरोड़ा, प्रो. विनोद कुमार मिश्र, प्रो. रतन कुमारी वर्मा, डॉ. आकांक्षा मिश्र, डॉ. हृदयनारायण तिवारी, डॉ. कन्हैया त्रिपाठी सहित अनेक संपादक और सह-संपादकगण कार्य कर रहे हैं।



इन आयोजनों को डिजिटल, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में व्यापक प्रचार मिल रहा है और हिंदी पत्रकारिता से जुड़े संगठनों, विश्वविद्यालयों तथा संस्थानों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता दर्ज कराई है।

 

इस अभियान ने यह संदेश स्पष्ट कर दिया है कि डिजिटल युग में हिंदी पत्रकारिता केवल जीवित ही नहीं बल्कि सशक्त, आधुनिक और वैश्विक मंचों पर अपनी पहचान बना रही है। आयोजकों ने अपील की है कि सभी हिंदीप्रेमी, शोधार्थी, पत्रकार, शिक्षाविद और युवा इस वैश्विक प्रयास का हिस्सा बनें और हिंदी पत्रकारिता के गौरवशाली भविष्य की नींव में अपना योगदान दें।

 

अधिक जानकारी हेतु ईमेल: [email protected] और वेबसाइट: https://srijanaustralia.srijansansar.com के माध्यम से संपर्क किया जा सकता है।

पूनम चतुर्वेदी शुक्ला

संस्थापक-निदेशक

अदम्य ग्लोबल फाउंडेशन एवं

न्यू मीडिया सृजन संसार ग्लोबल फाउंडेशन

प्रशांत चौबे

संस्थापक-निदेशक

अदम्य ग्लोबल फाउंडेशन




अंतरराष्ट्रीय शोध आलेख प्रतियोगिता

अंतरराष्ट्रीय शोध आलेख प्रतियोगिता

उद्देश्य

हिंदी पत्रकारिता के 200वें वर्ष के सुअवसर पर न्यू मीडिया सृजन संसार ग्लोबल फाउंडेशन एवं अदम्य ग्लोबल फाउंडेशन के सहयोग से सृजन ऑस्ट्रेलिया, सृजन मॉरीशस, सृजन कतर, सृजन मलेशिया, सृजन अमेरिका आदि विभिन्न अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं एवं विश्व की विभिन्न संस्थाओं के संयुक्त तत्वावधान में 30 मई से 30 जून 2025 तक मनाए जा रहे ‘अंतरराष्ट्रीय हिंदी पत्रकारिता माह – 2025’ के अंतर्गत आयोजित इस अंतरराष्ट्रीय शोधपरक समीक्षात्मक आलेख लेखन प्रतियोगिता का उद्देश्य शोधकर्ताओं, शिक्षकों, विद्यार्थियों एवं भाषा-प्रेमियों को हिंदी भाषा और तकनीक”  विषय पर समकालीन विमर्श हेतु प्रोत्साहित करना है, साथ ही डॉ. शैलेश शुक्ला  की विचारधारा, तकनीकी दृष्टि एवं अनुभवजन्य विश्लेषण पर आधारित शोध-सामग्री एवं विमर्श का सृजन कराना है।

                     पुरस्कार विवरण

    पुरस्कार श्रेणी                 : राशि (INR)

प्रथम पुरस्कार                : ₹3100/-

द्वितीय पुरस्कार              : ₹2100/-

तृतीय पुरस्कार                : ₹1100/-

           प्रोत्साहन पुरस्कार (5)         : ₹551/- प्रति विजेता

विशेष : प्रतियोगिता में प्राप्त सभी उच्च गुणवत्ता वाले आलेखों  को ISBN युक्त पुस्तक / शोध-पत्रिका / डिजिटल जर्नल में प्रकाशित किया जाएगा।

आधार-पुस्तक

पुस्तक का नाम : हिंदी भाषा और तकनीक
लेखक : डॉ. शैलेश शुक्ला
प्रकाशक : न्यू मीडिया सृजन संसार ग्लोबल फाउंडेशन, लखनऊ
प्रकाशन वर्ष : 2024, आईएसबीएन : 978-81-949867-3-7

पुस्तक नीचे दिए गए लिंक और क्यू आर कोड – दोनों पर उपलब्ध है :- https://tinyurl.com/BookByDrShaileshShukla 

 

प्रतियोगिता की शर्तें और दिशानिर्देश

  1. शोधपरक समीक्षात्मक आलेख हेतु शब्द सीमा : 2500 से 5000 शब्द
  2. संरचना : आलेख में निम्न अनुभाग अनिवार्य रूप से सम्मिलित हों :-
    • सारांश (Abstract): 250–300 शब्द
    • बीज शब्द (Key Words): 8–10
    • परिचय (Introduction)
    • मुख्य आलेख (Main Body) – तर्क, विश्लेषण, उदाहरण, तुलनाएँ आदि सहित
    • निष्कर्ष (Conclusion)
    • संदर्भ सूची (References) – APA शैली में या अन्य मानक अनुसंधान शैली में
    • तकनीकी प्रारूप : Font: यूनिकोड फॉन्ट (मंगल / निर्मला / कोकिला / कोई और युनिकोड फॉन्ट)
    • स्पेस : 1.5
    • प्रविष्टि हेतु फॉर्मैट : MS Word (Doc)
    • भाषा : केवल हिंदी
  3. प्रविष्टि जमा करने की अंतिम तिथि : 25 जून 2025 शाम 6 बजे तक
    • प्रविष्टियाँ भेजने का माध्यम: ईमेल: [email protected]
    • ईमेल विषय (Subject Line) :-

हिंदी भाषा और तकनीक पुस्तक पर आधारित शोधपरक समीक्षात्मक आलेख प्रतियोगिता हेतु प्रविष्टि” 

मौलिकता (Originality)

  1. आलेख स्वयं लिखा गया होना चाहिए।
  2. 100% मौलिक (Plagiarism-free) हो। पुस्तक से कुछ भी उद्धृत करने पर संदर्भ अवश्य दिया जाए।
  3. AI जनरेटेड कंटेंट, कॉपी-पेस्ट लेख को अस्वीकार कर दिया जाएगा।
  4. आयोजक मंडल द्वारा प्लैगरिज्म सॉफ्टवेयर से जांच की जाएगी।

 

प्रतियोगिता हेतु शोधपरक समीक्षात्मक आलेखों के विषयों की सूची

प्रतियोगिता हेतु लेखक / शोधार्थीगण / प्राध्यापकगण निम्नलिखित दिए गए विषयों में से किसी एक या पुस्तक ‘हिंदी भाषा और तकनीक’ की शोधपरक समीक्षा पर आधारित अन्य संबंधित विषय का चयन कर सकते हैं :-

1. डॉ. शैलेश शुक्ला के लेखन में इंटरनेट युग और हिंदी भाषा की पहचान

2. डॉ. शैलेश शुक्ला की पुस्तक के आलोक में डिजिटल सामग्री निर्माण और उपभोग का विश्लेषण

3. सोशल मीडिया में हिंदी की शक्ति: डॉ. शैलेश शुक्ला की आलोचनात्मक दृष्टि

4. ई-कॉमर्स और हिंदी का संबंध: डॉ. शैलेश शुक्ला की पुस्तक के संदर्भ में

5. हिंदी टाइपिंग तकनीक: डॉ. शैलेश शुक्ला के अनुभवों की समीक्षा

6. यूनिकोड और तकनीकी मानकीकरण पर डॉ. शैलेश शुक्ला का योगदान

7. डॉ. शैलेश शुक्ला की पुस्तक में फोनेटिक बनाम इनस्क्रिप्ट की तुलना

8. हिंदी फॉन्ट्स का विकास: डॉ. शैलेश शुक्ला की दृष्टि से

9. डॉ. शैलेश शुक्ला द्वारा प्रस्तुत हिंदी टाइपिंग साक्षरता की चुनौतियाँ और समाधान

10. डॉ. शैलेश शुक्ला के विश्लेषण में सोशल मीडिया ब्रांडिंग में हिंदी की भूमिका

11. सोशल मीडिया मार्केटिंग टूल्स की समीक्षा: डॉ. शैलेश शुक्ला की कृति के आधार पर

12. डॉ. शैलेश शुक्ला के विचारों में सामाजिक अभियानों में हिंदी की शक्ति

13. ग्रामीण भारत में डिजिटल हिंदी का प्रसार: डॉ. शैलेश शुक्ला की दृष्टिकोण से

14. डॉ. शैलेश शुक्ला के विश्लेषण में युवाओं की डिजिटल संस्कृति और हिंदी

15. कृत्रिम बुद्धिमत्ता और हिंदी: डॉ. शैलेश शुक्ला की पुस्तक का विश्लेषण

16. हिंदी अनुवाद तकनीकों पर डॉ. शैलेश शुक्ला का शोधपरक मूल्यांकन

17. नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग में हिंदी की संभावनाएँ: डॉ. शैलेश शुक्ला के अनुसार

18. डॉ. शैलेश शुक्ला की पुस्तक में रोबोटिक्स और हिंदी भाषा का संगम

19. डॉ. शैलेश शुक्ला द्वारा रचित हिंदी-अनुवाद में सांस्कृतिक अंतर्वस्तु की भूमिका

20. डॉ. शैलेश शुक्ला की दृष्टि में डिजिटल प्रकाशन: लेखक, पाठक और प्लेटफॉर्म

21. हिंदी डिजिटल पाठकों की प्रवृत्तियाँ: डॉ. शैलेश शुक्ला की अंतर्दृष्टि

22. ई-शिक्षा में हिंदी भाषा का स्थान: डॉ. शैलेश शुक्ला की पुस्तक के आलोक में

23. हिंदी और SEO के तकनीकी पक्ष: डॉ. शैलेश शुक्ला की समीक्षा

24. भविष्य की ओर हिंदी और तकनीक: डॉ. शैलेश शुक्ला की पुस्तक का विमर्शात्मक विश्लेषण

25. डॉ. शैलेश शुक्ला के अनुभवों में डिजिटल पत्रकारिता और हिंदी भाषा का परिदृश्य

26. डॉ. शैलेश शुक्ला की दृष्टि में पॉडकास्ट, यूट्यूब और डिजिटल साहित्य में हिंदी की भूमिका

27. डॉ. शैलेश शुक्ला की पुस्तक के आलोक में मोबाइल ऐप्स और हिंदी भाषा का प्रयोग

28. डॉ. शैलेश शुक्ला की कृति में डिजिटल हिंदी कविता और छवि प्रस्तुति की प्रवृत्तियाँ

29. ब्लॉगिंग संस्कृति और हिंदी अभिव्यक्ति: डॉ. शैलेश शुक्ला की वैचारिक पृष्ठभूमि

30. डॉ. शैलेश शुक्ला द्वारा प्रतिपादित हिंदी की डिजिटल लेखन शैली और भाषा प्रवाह

31. राजभाषा नीति और तकनीकी साधनों का समन्वय: डॉ. शैलेश शुक्ला का विश्लेषण

32. डॉ. शैलेश शुक्ला के अनुसार सरकारी संस्थानों में तकनीकी हिंदी का व्यवहारिक पक्ष

33. डॉ. शैलेश शुक्ला के विचारों में हिंदी के तकनीकी टूल्स का प्रशिक्षण पक्ष

34. डॉ. शैलेश शुक्ला की कृति में डिजिटल हिंदी की वैश्विक स्वीकार्यता

35. डॉ. शैलेश शुक्ला की दृष्टि में डिजिटल साहित्य की गुणवत्ता और प्रामाणिकता

36. डॉ. शैलेश शुक्ला द्वारा प्रतिपादित टेक्स्ट, इमेज और वीडियो रूप में हिंदी की बहुविधता

37. डॉ. शैलेश शुक्ला के आलेखों में तकनीकी नवाचार और हिंदी साहित्य का समन्वय

38. डॉ. शैलेश शुक्ला की पुस्तक में हिंदी तकनीक की चुनौतियाँ और सुधार के सुझाव

39. हिंदी भाषा में नवाचार और स्टार्टअप की भूमिका: डॉ. शैलेश शुक्ला की अंतर्दृष्टि

40. डॉ. शैलेश शुक्ला की दृष्टि में हिंदी का डिजिटलीकरण: एक समीक्षात्मक अध्ययन

एवं पुस्तक की शोधपरक समीक्षा पर आधारित अन्य कोई भी संबंधित विषय

पुरस्कार वितरण

सभी विजेताओं की घोषणा हमारे ऑनलाइन मंचों पर की जाएगी और एक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम में विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा। निर्धारित पुरस्कार राशि के बराबर या अधिक मूल्य की पुस्तकें विजेताओं के दिए गए डाक पते पर प्रेषित की जाएंगी। भरत से बाहर के विजेताओं के मामले में डाक खर्च देय होगा।

प्राप्त आलेखों का प्रकाशन एवं लोकार्पण

  • प्रतियोगिता के सभी उच्च गुणवत्ता वाले आलेखों को ISBN युक्त पुस्तक / शोध-पत्रिका / डिजिटल जर्नल में प्रकाशित किया जाएगा।
  • चयनित लेखों के संकलन का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकार्पण किया जाएगा।

प्रतियोगिता पंजीकरण शुल्क

कोई शुल्क देय नहीं है। प्रतियोगिता पूर्णतः निःशुल्क है।

अस्वीकरण (Disclaimer)

इस शोधपरक आलेख लेखन प्रतियोगिता से संबंधित समस्त जानकारी आयोजक मंडल द्वारा सावधानीपूर्वक तैयार की गई है, तथापि इसमें दी गई सूचनाएँ बिना किसी पूर्व सूचना के संशोधित की जा सकती हैं। आयोजक मंडल द्वारा प्रस्तुत नियम, पुरस्कार विवरण एवं अन्य जानकारी पूरी सावधानी से प्रदान की गई है, परंतु किसी भी प्रकार की त्रुटि, विसंगति या परिवर्तन की स्थिति में आयोजक संस्था की उत्तरदायित्व सीमित रहेगा।

प्रतिभागियों द्वारा प्रस्तुत किए गए आलेख उनके स्वयं के विचार, विश्लेषण एवं निष्कर्ष हैं, जिनकी संपूर्ण वैचारिक जिम्मेदारी लेखक की होगी। आयोजक संस्था इन विचारों से आवश्यक नहीं कि सहमत हो। किसी भी प्रकार की सामग्री में यदि कॉपीराइट या बौद्धिक संपदा अधिकार का उल्लंघन पाया जाता है, तो उसकी पूर्ण जिम्मेदारी संबंधित लेखक की होगी, न कि आयोजक संस्था की।

यह प्रतियोगिता शोध एवं रचनात्मकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित की गई है, इसका कोई वाणिज्यिक लाभ आयोजक संस्था द्वारा नहीं लिया जा रहा है। प्रतिभागियों से कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा है और पुरस्कार/प्रकाशन केवल योग्यता के आधार पर निर्णयित किए जाएंगे। पर्याप्त संख्या में गुणवत्तापूर्ण आलेख न प्राप्त होने की स्थिति में आयोजक संस्थाओं के प्रबंधन द्वारा प्रतियोगिता रद्द की जा सकती है।

न्यायक्षेत्र

यदि इस प्रतियोगिता से संबंधित किसी सूचना, निर्णय या निष्कर्ष से कोई विवाद उत्पन्न होता है तो उसका निवारण केवल लखनऊ (उत्तर प्रदेश) न्यायक्षेत्र में ही किया जाएगा।

संपर्क

ईमेल : [email protected]    वेबसाइट : SrijanAustralia.SrijanSansar.com

 

पूनम चतुर्वेदी शुक्ला

संस्थापक-निदेशक

अदम्य ग्लोबल फाउंडेशन एवं

न्यू मीडिया सृजन संसार ग्लोबल फाउंडेशन

 

प्रशांत चौबे

संस्थापक-निदेशक

अदम्य ग्लोबल फाउंडेशन