1

हिन्दू नव वर्ष

हिन्दू नव वर्ष मनाए–

चलो हिन्दू नव वर्ष मनाए
आशाओं, विश्वास का
उत्साह उमंग चाह प्रसंग के
नए सुबह का अलख जगाए
चलो हिन्दू नव वर्ष मनाए।।

उत्कर्ष,हर्ष दुःख दर्द के बीते पल
कि यादों के संग कदम बढ़ाए
चलों उत्कृष्ट नव वर्ष बनाए
चलो हिन्दू नव वर्ष मनाए ।।

त्यागो घृणा द्वेष को प्रेम
शांति निर्मल, निर्झर ,अविरल
धारा बहाए अखिल ब्रह्मांड में
प्रकृति ,प्राणि ब्रह्म सत्य का
संदेश जगाए।
चलो हिन्दू नव वर्ष मनाए।।

साहस शक्ति के युवा युग
मानवता मूल्यों के पथ प्रकाश में
नव युग का दीप जलाए भय भ्रम
अंधकार मिटाए।
चलों हिन्दू नव वर्ष मनाए।।

धर्म ,सद्कर्म ,से अभिनंदन
नव वर्ष का मानव मुख
मण्डल पर मुस्कान जगाए
मानव मुल्यों की गमग गीत
गाये।
चलो हिन्दू नववर्ष मनाए।।

सांसों में आश धड़कनों में
उठती तरंग है भाग्य भगवान
राम आगमन का जागृति जागरण
मधुर बयार बहाए।
चलों हिन्दू नव वर्ष मनाएं।।

साध्य साधना के पग पग
माँ की आराधना के पल पहर शक्ति की भक्ति भाव नवदुर्गा दुर्लभ भान भाष्कर नव वर्ष उगाए।
चलों हिन्दू नव वर्ष मनाएं।।

नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उत्तर प्रदेश।।




है माँ

आदि शक्ति अम्बे जगदम्बे

आराधना खंड

हे देवी माँ

तू भय भव भंजक
जगत कल्याणी
दुष्टो की दुर्गा काली
भक्तो की रखवाली
शक्ति दे मुझे अपनी
भक्ति का भाव भाग्य दे !!

माँ शारदेय
मैं आया तेरे द्वार
तुझे पुकारते
मैं तेरी संतान
सुन पुकार
मेरी कामना का वर
वरदान दे!!

खोजता भटकता
सारे जहां में
आ गया हूँ
तेरे द्वार
तेरे ज्योति के
उजियार में !!

जिंदगी की दुस्वारिया
बहुत मैं आ गया
जिंदगी चाहतों
की राह में
तेरी ममता
आँचल की छाव में !!

माँ शारदेय
मैं आया तेरे
द्वार तुझे पुकारते
मैं तेरी संतान
सुन पुकार
मेरी कामना का
वर वरदान दे!!

माँ शारदेय
मैं आया
तेरे द्वार
तुझे पुकारते
मैं तेरी संतान
सुन पुकार
मेरी कामना का
वर वरदान दे!!

माँ शारदेय
मैं आया
तेरे द्वार
तुझे पुकारते
मैं तेरी संतान
सुन पुकार
मेरी कामना का
वर वरदान दे!!

हो गया हो
गर कही
अपराध
तेरी सेवा पूजा
सत्कार में
तेरा ही वात्सल्य हूँ
कर छमा
दया का आशिर्बाद दे !!

तू तो जग
जननी सद्गुण ही
जानती तू
अपनी संतान में
मेरे दुर्गुणों को
सद्गुणों में निखार दे !!

माँ शारदेय
मैं आया तेरे द्वार
तुझे पुकारते मैं
तेरी संतान सुन पुकार
मेरी कामना का
वर वरदान दे!!

लालसा बहुत
मानवीय स्वभाव मैं
तेरी भक्ति का भाव
शक्ति धन धान्य में ,
मेरी चाहत
सिर्फ तू रहे
आत्म प्रकाश में
आत्म के प्रकाश में !!

माँ शारदेय
मैं आया तेरे द्वार
तुझे पुकारते
मैं तेरी संतान
सुन पुकार
मेरी कामना का
वर वरदान दे!!

साध्य साधना
आराधना मेरी
कर्म धर्म ज्ञान
के बैभव
बैराग्य में ,
माँ मेरी तू अपनी
ध्यान ज्ञान की भक्ति
की शक्ति का
मुझे वर दान दे !!

माँ शारदेय
मैं आया तेरे द्वार
तुझे पुकारते मैं
तेरी संतान सुन
पुकार
मेरी कामना का वर
वरदान दे!!

तू भय भव
भंजक जग कल्याणी
दुष्टो की दुर्गा काली
भक्तो की रखवाली
शक्ति दे अपनी
भक्ति का भाव
भाग्य दे !!

माँ शारदेय
मैं आया तेरे द्वार
तुझे पुकारते
मैं तेरी संतान
सुन पुकार
मेरी कामना का वर
वरदान दे!!

नन्दलाल मणि त्रिपाठी (पीताम्बर )




हे माँ

हे माँ

तू अवनि अवतारी
पर्वत की बाला
दुःख हरने वाली
जग कल्याणी
जय अम्बे जय जगदम्बे !!

तू सीता सावित्री
पार्वती विघ्नेश्वरी
भुनेश्वरी बाघम्बरी
चंडी चंडिका
मनसा महिमा
मनोकामना!!

तू अवनि अवतारी
पर्वत की बाला
दुःख हरने वाली
जग कल्याणी
जय अम्बे जय जगदम्बे !!

तू लक्ष्मी गौरी
शिवा वैष्णवी
रुक्मणि राधा
राधा ब्राह्मी
भाग्य विधाता !!

तू अवनि अवतारी
पर्वत की बाला
दुःख हरने वाली
जग कल्याणी
जय अम्बे जय जगदम्बे !!

तू माँ शारदा
स्वप्नेश्वरी वगलामुखी
कर्णिका काली
तू छाया माया
निद्रा क्वचिदपि
न भवति कुमाता !!

तू अवनि अवतारी
पर्वत की बाला
दुःख हरने वाली
जग कल्याणी
जय अम्बे जय जगदम्बे !!

तू रिद्धि सिद्धि
हरसिद्धि सत्य
सप्त श्रृंगी माता
तू कामाख्या
जग जननी
जग विख्याता !!

तू अवनि अवतारी
पर्वत की बाला
दुःख हरने वाली जग
कल्याणी जय
अम्बे जय जगदम्बे !!

तू सर्वेश्वरी कमलेश्वरी
ब्राह्मणी रुद्राणी
ज्वाला माता
दक्षिणेश्वर काली
महालक्मी
मुम्बा देवी धन धान्य
सुतान्यहम की दाता !!

तू अवनि अवतारी
पर्वत की बाला दुःख
हरने वाली जग
कल्याणी जय
अम्बे जय जगदम्बे !!

तू सुरेश्वरि अशुरेश्वरी
इंद्राणी करुणेश्वरी
माहेश्वरी दिगम्बरी
श्वेताम्बरी
ललितेश्वरी नारायणी
क्रोध छमा की माता !!

तू अवनि अवतारी
पर्वत की बाला दुःख
हरने वाली जग कल्याणी
जय अम्बे जय जगदम्बे !!

तू भ्रामरी भैरवी
शनिश्चरी मीनाक्षी
अनसूया धात्री
धारिणी जग
तारणी माता!!

तू अवनि अवतारी
पर्वत की बाला दुःख
हरने वाली जग
कल्याणी जय
अम्बे जय जगदम्बे !!

तू चिंत्तपूर्णी
छिन्नमस्तिका
सिद्धेश्वरी चामुंडा
चामुंडेश्वरी
रामेश्वरी मातेश्वरी !!

तू अवनि अवतारी
पर्वत की बाला
दुःख हरने वाली
जग कल्याणी
जय अम्बे जय जगदम्बे !!

नन्दलाल मणि त्रिपाठी (पीताम्बर )