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कस्तूरी

कस्तूरी

मेरीकस्तूरी

मुझे देती रही भटकन

……… उम्रभर

जो मरा

तो जाना

कि

मारा भी गया

इसी के लिए




अभिषेक करें जनवाणी का

अभिषेक करें जन वाणी का

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  अभिषेक करें जन वाणी का

  नागरी का, दीव्यागीर्वाणी का

  ओंकार जन्मा, संस्कृत सृष्टा

  जग वन्दिनी, देवनन्दिनी

  खलिहानखनक, मात वाणी का

  अभिषेक करें जन वाणी का |

  हिमाला ताज़, सागर लाज़

  थार की थाती, वाङ्ग ज्योति

  सिन्ध स्वरा, देहात वाणी का।

  अभिषेक करें जन वाणी का |

  सलोनीसरल, मृदुलतरल

  जन भारती, राष्ट्र आरती

  तम तिरोहिता, जन कल्याणी का।

  अभिषेक करें जन वाणी का |

  संस्कृति दर्पण, इतिहास दर्शन

  सृजन गंगा,   भक्ति उमंगा

  सर्वस्व अर्पणा, वीणापाणी का।

  अभिषेक करें जन वाणी का |

  संधान करें, व्यवहार करें

  सम्मान करें, जय गान करें

  निज भाषा, राष्ट्र वाणी का |

  अभिषेक करें जन वाणी का |

  चरणाभिषेक करें, वीणापाणी का।