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नदी के साथ

मैं इस नदी के साथ,
जीना चाहता हूँ..
डूबना चाहता हूँ..
इसके भीतर!!
तैर कर सभी..
पार कर लेते हैं नदियाँ।
नाव पर घूमते हुए..
देखते हैं सभी।
मैं डूब कर भीतर तक
देखना चाहता हूँ भीतर से इसे।
बातें करना चाहता हूँ।
इसकी पीड़ा..
आजतक किसी ने नहीं सुनी
इसके भीतर की व्यथा,
जो अनंतकाल से..
धाराप्रवाह बहती चली आ रही
बिना रुके!!

मैं चाहता हूँ,
इसी क्षण रोक देना इसे
और बातें करना।
इसकी कल-कल की आवाज़
सुनते हैं सभी,
मैं सुनना चाहता हूँ, मौन!!
इसका हो जाना चाहता हूँ मैं,
सदा सदा के लिए!!




किसान

सभी व्यवसायी चाहते हैं, उनका बेटा बड़ा होकर
यदि कुछ नहीं तो उनका ही रोज़गार संभाले।
परन्तु एक किसान कभी स्वप्न में भी नहीं सोचता
कि उनका बेटा बड़ा होकर किसान बने।
ये पंक्तियाँ हमारे कृषिप्रधान देश के किसानों की
बदहाली को बयां करती है।।




प्रेम

प्रेम…

ये वो प्यारा नाम है जो प्यार, स्नेह, मोह, प्रीत, आनन्द, हर्ष का एक अद्भुत संयोग है। जो ह्रदय में ममत्व की भावनाओं को उत्पन्न करता हैं। जहाँ इसमें, जुड़ाव है, खिंचाव हैं, लगाव हैं और अपनत्व हैं तो जलन का एक प्यारा सा मिश्रण हैं।

 




लड़के जब रोतें हैं

  • लड़के जब रोते हैं,
    प्रकृति में असंतुलन बढ़ जाता है।
    सूर्य अपने तीव्र वेग पर आ जाते हैं।
    समंदर में वाष्पोत्सर्जन चरम पर होता है।
    पृथ्वी का जलस्तर तेजी से घटता है।
    वनस्पतियाँ कुम्हलाने लगती हैं।
    सुनों लड़कों! प्रकृति में संतुलन
    बनाये रखने के लिए ही सही,
    तुम आसानी से मत रोना…।



तुम्हारा सौंदर्य

अत्यंत कठिन है
तुम्हारे सौंदर्य का वर्णन
तुम्हारे सौंदर्य को देखना ठीक वैसा ही है,
जैसे बारिश के बाद इंद्रधनुष को ढूंढना!
तुम्हारे सुंदरता का उत्कर्ष है तुम्हारे चेहरे की लालिमा
जैसे उदय होता सूर्य है प्राकृत का!
तुम्हारी ध्वनि हृदय को आमोद करती है
जैसे तपती ऊष्मा में मेंह का आगमन!
तुम्हारी सौंदर्य के साथ तुम्हारी सादगी
ऐसी शोभित होती है मानो
किसी वीरांगना के शरीर पर लगे हों
युद्ध के गहरे घाव!!




अंतरराष्ट्रीय अटल काव्य प्रतियोगिता – 2021

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री एवं सुप्रसिद्ध कवि भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती 25 दिसंबर 2021 के अवसर पर विश्व हिंदी सचिवालय, मॉरीशस,  न्यू मीडिया सृजन संसार ग्लोबल फाउंडेशन एवं सृजन ऑस्ट्रेलिया अंतरराष्ट्रीय ई-पत्रिका के संयुक्त तत्वावधान में “अंतरराष्ट्रीय काव्य प्रतियोगिता – 2021” का आयोजन किया जा रहा है ।

इस प्रतियोगिता में विश्व के सभी देशों के रचनाकारों से उपरोक्त प्रतियोगिता हेतु स्वरचित हिन्दी काव्य रचनाएँ आमंत्रित हैं । 

अंतरराष्ट्रीय काव्य प्रतियोगिता – 2021 हेतु स्वरचित कविता भेजने की अंतिम तिथि : 20 सितंबर 2021  

  • प्राप्त हुई रचनाओं पर निर्णयक मण्डल के निर्णय अनुसार घोषित श्रेष्ठ रचनाकारों को अटल जयंती (25 दिसंबर 2021) पर आयोजित किए जाने वाले “अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन” में चयनित रचना का पाठ करने का अवसर प्रदान किया जाएगा ।
  • निर्णायक मण्डल द्वारा चयनित उत्कृष्ट रचनाओं की संख्या अधिक होने पर शेष रचनाकारों को हमारे किसी अन्य आगामी “अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन” में चयनित रचना का पाठ करने का अवसर प्रदान किया जाएगा ।
  • प्राप्त रचनाओं की संख्या के आधार पर चयनित श्रेष्ठ रचनाकारों की संख्या 21/51/101/151/251 निर्धारित की जाएगी।
  • पर्याप्त संख्या में गुणवत्तापूर्ण रचनाएँ प्राप्त होने पर उन्हें संकलित करके आईएसबीएन युक्त काव्य संग्रह के रूप में प्रकाशित किया जाएगा जिसकी पीडीएफ़ प्रति सभी चयनित रचनाकारों को निशुल्क उपलब्ध करवाई जाएगी ।
  • काव्य पाठ में सम्मिलित होने वाले सभी कवियों को प्रतिभागिता प्रमाणपत्र दिया जाएगा ।

प्रतियोगिता में भाग लेने हेतु नियम एवं  शर्तें :

  1. कविता किसी भी विषय पर, मौलिक एवं स्वरचित एवं किसी भी तरह के कॉपीराइट मामले से स्वतंत्र हो ।
  2. कविता में किसी भी व्यक्ति/समूह/संस्था/धर्म/जाति/स्थान के लिए अपमानजनक या आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग न हो ।   
  3.   प्रतिभागी अपनी एक से अधिक कविताएँ प्रतियोगिता हेतु भी भेज सकते है ।
  4. हमारे निर्णायक मण्डल का निर्णय अंतिम एवं सर्वमान्य होगा ।

प्रतियोगिता हेतु काव्य रचनाएँ कैसे भेजें ?

उपरोक्त प्रतियोगिता हेतु काव्य रचनाएँ इस लिंक पर उपलब्ध गूगल फॉर्म के माध्यम से ही स्वीकार की जाएंगी : https://forms.gle/FEjQkogFWBmgGvqu9

अंतिम तिथि : 20 सितंबर 2021