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दोनों ही बेज़ुबां निकले

!! दोनों ही बेज़ुबां निकले !!

लोगों को जीतने की ज़िद है

हम अपनों से खेलने में नादाँ निकले।

सब कुछ कह दिया उनसे बातों ही बातों में,

पर अभी तक मेरे दिल की अरमां ना निकले।

हज़ार खूबियाँ कम पड़ जाती हैं

एक ग़लतफ़हमी ही काफ़ी है रिश्ता तोड़ने के लिए।

जो मुसलसल रहा है रिश्ता हमारा हरदम

हम हवा ना देंगे उसको मुँह मोड़ने के लिए।

बहुत देर से इंतजार कर रहे हैं वो

उनसे मिलने की जल्दी में

हम घर से जलती धूप में नंगे पाँव निकले।

जिसे हम उम्र भर सोचते रहे गैरों की तरह

मुझे क्या मालूम वो मेरे दिल के मेहमां निकले।

हम अपना सब कुछ छोड़कर उनके साथ रहे

उनको लगा कि हम किसी काम के नही है

मगर जब पीछे मुड़कर देखा तो काम तमाम निकले। 

वो कहते हैं कि मुझे उनसे अब मोहब्बत नही है

कैसे कहूँ- कि मेरे इश्क़ के दो ही गवाह थे

एक मेरी ख़ामोशी, दूसरी किताबें, मगर दोनों ही बेज़ुबां निकले।




अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन

विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर विश्व हिंदी सचिवालय, मॉरीशस एवं न्यू मीडिया सृजन संसार ग्लोबल फाउंडेशन के सहयोग से सृजन ऑस्ट्रेलिया अंतरराष्ट्रीय ई- पत्रिका द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन, का आयोजन 10 जनवरी 2021 को होने जा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन का संक्षिप्त विवरण:-
तिथि :- 10 जनवरी 2021
समय :- सायं 6 बजे से( भारतीय समयानुसार)
अध्यक्ष : प्रो जी पी प्रसाईं,कुलपति, त्रिपुरा केन्द्रीय विश्वविद्यालय, त्रिपुरा

सान्निध्य : प्रो. विनोद कुमार मिश्र, महासचिव विश्व हिंदी सचिवालय,मॉरीशस

मुख्य अतिथि : प्रो हरीश अरोड़ा
प्रोफेसर (दूरस्थ शिक्षा)
म गा अ हि विवि, वर्धा

विशिष्ट अतिथि :
1.डॉ नरेंद्र कुमार आर्य
सह प्राध्यापक, बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय, मोतीहारी

2.श्री नरेश शांडिल्य
प्रख्यात कवि, दिल्ली

3.डॉ करुणाशंकर दुबे
उप निदेशक (सेनि), आकाशवाणी

  1. श्रीमती कल्पना लालजी
    सुप्रसिद्ध साहित्यकार एवं सृजन ऑस्ट्रेलिया संयोजक,
    मॉरीशस



विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन

विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर विश्व हिंदी सचिवालय, मॉरीशस एवं न्यू मीडिया सृजन संसार ग्लोबल फाउंडेशन के सहयोग से सृजन ऑस्ट्रेलिया अंतरराष्ट्रीय ई- पत्रिका द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन, का आयोजन 10 जनवरी 2021 को होने जा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन का संक्षिप्त विवरण:-
तिथि :- 10 जनवरी 2021
समय :- सुबह 11 बजे से
अध्यक्ष : प्रो. श्रीमती आशा शुक्ला, कुलपति, डॉ. बी. आर. अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय, महु, इंदौर, मध्य प्रदेश
सान्निध्य : प्रो. विनोद कुमार मिश्र, महासचिव विश्व हिंदी सचिवालय,मॉरीशस
मुख्य अतिथि : प्रो. करुणाशंकर उपाध्याय, विभागाध्यक्ष, हिंदी विभाग, मुंबई विश्वविद्यालय,मुंबई भरत
विशिष्ट अतिथि :
1.डॉ. मृदुल कीर्ति, सुप्रसिद्ध साहित्यकार एवं अनुवादक, मेलबोर्न ऑस्ट्रेलिया
2.डॉ. उदय कुमार सिंह, पूर्व मुख्य प्रबंधक, राजभाषा,गेल
3.श्रीमती अंजू घरभरन, मॉरीशस,

  1. सुश्री हेमा कृपलानी, सुप्रसिद्ध लेखिका, शिक्षिका एवं अनुवादक, सिंगापुर



प्रेम-काव्य लेखन प्रतियोगिता

अंतरराष्ट्रीय “प्रेम-काव्य लेखन प्रतियोगिता”
विश्व हिंदी सचिवालय, मॉरीशस, न्यू मीडिया सृजन संसार ग्लोबल फाउंडेशन एवं सृजन ऑस्ट्रेलिया अंतरराष्ट्रीय ई- पत्रिका के संयुक्त तत्वावधान में वसंत उत्सव के अवसर पर आयोजित किए जाने वाले ‘अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन’ हेतु उत्कृष्ट रचनाओं के चयन हेतु “प्रेम-काव्य लेखन प्रतियोगिता” आयोजित की जा रही है।
उत्कृष्ट कविताओं के रचनाकारों को वसंत उत्सव के अवसर पर आयोजित किए जाने वाले ‘अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन’’ में काव्य पाठ का अवसर दिया जाएगा और सृजन ऑस्ट्रेलिया अंतरराष्ट्रीय ई-पत्रिका (https://srijanaustralia.srijansansar.com) में प्रकाशित किया जाएगा।
पर्याप्त संख्या में उत्कृष्ट रचनाएं प्राप्त होने पर उन्हें , न्यू मीडिया सृजन संसार ग्लोबल फाउंडेशन द्वारा आईएसबीएन युक्त पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया जाएगा जिसकी पीडीएफ़ प्रति सभी सम्मिलित रचनाकारों को निशुल्क उपलब्ध कारवाई जाएगी। इसके साथ ही पुस्तक का समुचित प्रचार-प्रसार किया जाएग।
प्रतियोगिता हेतु (केवल https://srijanaustralia.srijansansar.com/साहित्यिक-रचनाएं-शोध-आले/ पर) कविताएं भेजने की अंतिम तिथि : 20 जनवरी 2021 है।

प्रतियोगिता के नियम और शर्तें :-

  1. विश्व के सभी देशों के रचनाकार इस प्रतियोगिता में भाग ले सकते हैं
  2. प्रतियोगिता हेतु भेजी जाने वाली कविताएं प्रेम केंद्रित विषयों पर होनी चाहिए।
  3. कविताएं यूनिकोड फॉन्ट में टाइप की हुई वर्ड फॉर्मैट में ही भेजें।
  4. कविता के अंत में रचनाकार का नाम, पदनाम, संगठन, पूरा डाक पता, ईमेल पता, मोबाईल नंबर और वट्स्ऐप नंबर अवश्य लिखें।
  5. प्रतियोगिता हेतु भेजी जाने वाली कविता मौलिक एवं स्वरचित हो एवं किसी भी तरह के कॉपीराइट मामले से स्वतंत्र हो।
  6. कविता में किसी भी धर्म / जाति / समूह / स्थान / प्रदेश / देश के लिए अपमानजनक या आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग निषेध है।
  7. एक से अधिक कविताएँ भी भेजी जा सकती हैं। यदि एक प्रतिभागी द्वारा एक से अधिक कविताएं भेजी जा रही हैं तो सभी कविताएं एक ही फाइल में भेजें। निर्णायकों द्वारा आपकी सिर्फ श्रेष्ठ कविता चुन कर प्रतियोगिता में शामिल की जाएगी।
  8. प्रतियोगिता के निर्णायक मण्डल का निर्णय अंतिम एवं सर्वमान्य होगा।
  9. पर्याप्त संख्या में गुणवत्ता पूर्ण रचनाएं प्राप्त न होने की स्थिति में प्रतियोगिता को रद्द किया जा सकता है। इस संबंध में प्रतियोगिता आयोजकों का निर्णय अंतिम एवं सर्वमान्य होगा।
  10. प्रतियोगिता के विजेताओं को उनकी कविता के साथ दिये गए मोबाईल नंबर / वट्स्ऐप नंबर पर सूचित किया जाएगा और साथ ही सृजन ऑस्ट्रेलिया अंतरराष्ट्रीय ई-पत्रिका के फ़ेसबुक पेज, टेलिग्राम चैनल एवं सभी वट्स्ऐप में साझा किया जाएगा।
  11. प्रतियोगिता हेतु काव्य रचनाएं केवल https://srijanaustralia.srijansansar.com/साहित्यिक-रचनाएं-शोध-आले/ पर ही स्वीकृत की जाएंगी। इस लिंक पर प्रतियोगिता हेतु कविता पोस्ट करने से पहले आपको अपना अकाउंट बनाना होगा जो कि 1-2 मिनट की आसान सी प्रक्रिया से बन जाएगा। प्रतियोगिता हेतु कविता पोस्ट करने के लिए विषय / टाइटल में “देशभक्ति-काव्य लेखन प्रतियोगिता” हेतु कविता – कविता का शीर्षक” अवश्य लिखें।
  12. प्रतियोगिता के निर्णय में 75% अंश निर्णायकों द्वारा दिये गए अंकों का एवं शेष 25% अंश https://srijanaustralia.srijansansar.com पर प्रकाशित की गई प्रतियोगी कविताओं पर प्राप्त टिप्पणियों का होगा।
    संपर्क : श्री मनोरंजन तिवारी, उप संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया अंतरराष्ट्रीय ई-पत्रिका +91 98990 18149
    (कृपया संपर्क करने हेतु अपना नाम, पदनाम, संगठन, शहर/जिला/कस्बा/ राज्य, देश और ई-मेल पता व्हाट्सऐप संदेश में भेजें)



अंतरराष्ट्रीय देशभक्ति-काव्य प्रतियोगिता

अंतरराष्ट्रीय “देशभक्ति-काव्य लेखन प्रतियोगिता”
विश्व हिंदी सचिवालय, मॉरीशस, न्यू मीडिया सृजन संसार ग्लोबल फाउंडेशन एवं सृजन ऑस्ट्रेलिया अंतरराष्ट्रीय ई- पत्रिका के संयुक्त तत्वावधान में भारतीय गणतंत्र दिवस – 26 जनवरी 2021’ को शाम4 बजे (भारतीय समयानुसार) के अवसर पर आयोजित किए जाने वाले ‘अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन’ हेतु उत्कृष्ट रचनाओं के चयन हेतु “देशभक्ति-काव्य लेखन प्रतियोगिता” आयोजित की जा रही है।
उत्कृष्ट कविताओं के रचनाकारों को भारतीय गणतंत्र दिवस – 26 जनवरी 2021’ को शाम4 बजे (भारतीय समयअनुसार) आयोजित किए जाने वाले ‘अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन’ में काव्य पाठ का अवसर दिया जाएगा और सृजन ऑस्ट्रेलिया अंतरराष्ट्रीय ई-पत्रिका (https://srijanaustralia.srijansansar.com) में प्रकाशित किया जाएगा।
पर्याप्त संख्या में उत्कृष्ट रचनाएं प्राप्त होने पर उन्हें , न्यू मीडिया सृजन संसार ग्लोबल फाउंडेशन द्वारा आईएसबीएन युक्त पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया जाएगा जिसकी पीडीएफ़ प्रति सभी सम्मिलित रचनाकारों को निशुल्क उपलब्ध कारवाई जाएगी। इसके साथ ही पुस्तक का समुचित प्रचार-प्रसार किया जाएग।
प्रतियोगिता हेतु (केवल https://srijanaustralia.srijansansar.com/साहित्यिक-रचनाएं-शोध-आले/ पर) कविताएं भेजने की अंतिम तिथि : 12 जनवरी 2021 है।

प्रतियोगिता के नियम और शर्तें :-

  1. विश्व के सभी देशों के रचनाकार इस प्रतियोगिता में भाग ले सकते हैं
  2. प्रतियोगिता हेतु भेजी जाने वाली कविताएं देशभक्ति केंद्रित विषयों पर होनी चाहिए।
  3. कविताएं यूनिकोड फॉन्ट में टाइप की हुई वर्ड फॉर्मैट में ही भेजें।
  4. कविता के अंत में रचनाकार का नाम, पदनाम, संगठन, पूरा डाक पता, ईमेल पता, मोबाईल नंबर और वट्स्ऐप नंबर अवश्य लिखें।
  5. प्रतियोगिता हेतु भेजी जाने वाली कविता मौलिक एवं स्वरचित हो एवं किसी भी तरह के कॉपीराइट मामले से स्वतंत्र हो।
  6. कविता में किसी भी धर्म / जाति / समूह / स्थान / प्रदेश / देश के लिए अपमानजनक या आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग निषेध है।
  7. एक से अधिक कविताएँ भी भेजी जा सकती हैं। यदि एक प्रतिभागी द्वारा एक से अधिक कविताएं भेजी जा रही हैं तो सभी कविताएं एक ही फाइल में भेजें। निर्णायकों द्वारा आपकी सिर्फ श्रेष्ठ कविता चुन कर प्रतियोगिता में शामिल की जाएगी।
  8. प्रतियोगिता के निर्णायक मण्डल का निर्णय अंतिम एवं सर्वमान्य होगा।
  9. पर्याप्त संख्या में गुणवत्ता पूर्ण रचनाएं प्राप्त न होने की स्थिति में प्रतियोगिता को रद्द किया जा सकता है। इस संबंध में प्रतियोगिता आयोजकों का निर्णय अंतिम एवं सर्वमान्य होगा।
  10. प्रतियोगिता के विजेताओं को उनकी कविता के साथ दिये गए मोबाईल नंबर / वट्स्ऐप नंबर पर सूचित किया जाएगा और साथ ही सृजन ऑस्ट्रेलिया अंतरराष्ट्रीय ई-पत्रिका के फ़ेसबुक पेज, टेलिग्राम चैनल एवं सभी वट्स्ऐप में साझा किया जाएगा।
  11. प्रतियोगिता हेतु काव्य रचनाएं केवल https://srijanaustralia.srijansansar.com/साहित्यिक-रचनाएं-शोध-आले/ पर ही स्वीकृत की जाएंगी। इस लिंक पर प्रतियोगिता हेतु कविता पोस्ट करने से पहले आपको अपना अकाउंट बनाना होगा जो कि 1-2 मिनट की आसान सी प्रक्रिया से बन जाएगा। प्रतियोगिता हेतु कविता पोस्ट करने के लिए विषय / टाइटल में “देशभक्ति-काव्य लेखन प्रतियोगिता” हेतु कविता – कविता का शीर्षक” अवश्य लिखें।
  12. प्रतियोगिता के निर्णय में 75% अंश निर्णायकों द्वारा दिये गए अंकों का एवं शेष 25% अंश https://srijanaustralia.srijansansar.com पर प्रकाशित की गई प्रतियोगी कविताओं पर प्राप्त टिप्पणियों का होगा।
    संपर्क : श्री मनोरंजन तिवारी, उप संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया अंतरराष्ट्रीय ई-पत्रिका +91 98990 18149
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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस काव्य प्रतियोगिता

अंतरराष्ट्रीय काव्य लेखन प्रतियोगिता
विश्व हिंदी सचिवालय, मॉरीशस, न्यू मीडिया सृजन संसार ग्लोबल फाउंडेशन एवं सृजन ऑस्ट्रेलिया अंतरराष्ट्रीय ई- पत्रिका के संयुक्त तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस – 8 मार्च 2021” के अवसर पर आयोजित किए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन हेतु उत्कृष्ट रचनाओं के चयन हेतु महिला दिवस काव्य प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है।
उत्कृष्ट कविताओं के रचनाकारों को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस – 8 मार्च 2021’ को शाम 7:30 बजे (भारतीय समयानुसार) आयोजित किए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन में काव्य पाठ का अवसर दिया जाएगा और सृजन ऑस्ट्रेलिया अंतरराष्ट्रीय ई-पत्रिका (https://srijanaustralia.srijansansar.com) में प्रकाशित किया जाएगा।
पर्याप्त संख्या में उत्कृष्ट रचनाएं प्राप्त होने पर उन्हें , न्यू मीडिया सृजन संसार ग्लोबल फाउंडेशन द्वारा आईएसबीएन युक्त पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया जाएगा जिसकी पीडीएफ़ प्रति सभी सम्मिलित रचनाकारों को निशुल्क उपलब्ध कारवाई जाएगी। इसके साथ ही पुस्तक का समुचित प्रचार-प्रसार किया जाएग।
प्रतियोगिता हेतु (केवल https://srijanaustralia.srijansansar.com/साहित्यिक-रचनाएं-शोध-आले/ पर) कविताएं भेजने की अंतिम तिथि : 20 जनवरी 2021 है।

प्रतियोगिता के नियम और शर्तें :-
विश्व के सभी देशों के रचनाकार इस प्रतियोगिता में भाग ले सकते हैं
प्रतियोगिता हेतु भेजी जाने वाली कविताएं स्त्री केंद्रित विषयों पर होनी चाहिए।
कविताएं यूनिकोड फॉन्ट में टाइप की हुई वर्ड फॉर्मैट में ही भेजें।
कविता के अंत में रचनाकार का नाम, पदनाम, संगठन, पूरा डाक पता, ईमेल पता, मोबाईल नंबर और वट्स्ऐप नंबर अवश्य लिखें।
प्रतियोगिता हेतु भेजी जाने वाली कविता मौलिक एवं स्वरचित हो एवं किसी भी तरह के कॉपीराइट मामले से स्वतंत्र हो।
कविता में किसी भी धर्म / जाति / समूह / स्थान / प्रदेश / देश के लिए अपमानजनक या आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग निषेध है।
एक से अधिक कविताएँ भी भेजी जा सकती हैं। यदि एक प्रतिभागी द्वारा एक से अधिक कविताएं भेजी जा रही हैं तो सभी कविताएं एक ही फाइल में भेजें। निर्णायकों द्वारा आपकी सिर्फ श्रेष्ठ कविता चुन कर प्रतियोगिता में शामिल की जाएगी।
प्रतियोगिता के निर्णायक मण्डल का निर्णय अंतिम एवं सर्वमान्य होगा।
पर्याप्त संख्या में गुणवत्ता पूर्ण रचनाएं प्राप्त न होने की स्थिति में प्रतियोगिता को रद्द किया जा सकता है। इस संबंध में प्रतियोगिता आयोजकों का निर्णय अंतिम एवं सर्वमान्य होगा।
प्रतियोगिता के विजेताओं को उनकी कविता के साथ दिये गए मोबाईल नंबर / वट्स्ऐप नंबर पर सूचित किया जाएगा और साथ ही सृजन ऑस्ट्रेलिया अंतरराष्ट्रीय ई-पत्रिका के फ़ेसबुक पेज, टेलिग्राम चैनल एवं सभी वट्स्ऐप में साझा किया जाएगा।
प्रतियोगिता हेतु काव्य रचनाएं केवल https://srijanaustralia.srijansansar.com/साहित्यिक-रचनाएं-शोध-आले/ पर ही स्वीकृत की जाएंगी। इस लिंक पर प्रतियोगिता हेतु कविता पोस्ट करने से पहले आपको अपना अकाउंट बनाना होगा जो कि 1-2 मिनट की आसान सी प्रक्रिया से बन जाएगा। प्रतियोगिता हेतु कविता पोस्ट करने के लिए विषय / टाइटल में महिला दिवस काव्य प्रतियोगिता हेतु कविता – कविता का शीर्षक” अवश्य लिखें।
प्रतियोगिता के निर्णय में 75% अंश निर्णायकों द्वारा दिये गए अंकों का एवं शेष 25% अंश https://srijanaustralia.srijansansar.com पर प्रकाशित की गई प्रतियोगी कविताओं पर प्राप्त टिप्पणियों का होगा।
संपर्क : श्री मनोरंजन तिवारी, उप संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया अंतरराष्ट्रीय ई-पत्रिका +91 98990 18149
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साझा संग्रह प्रकाशन योजना

साझा काव्य/ कहानी/व्यंग्य/लघु कथा/ललित निबंध संग्रह प्रकाशन योजना
सृजन ऑस्ट्रेलिया अंतरराष्ट्रीय ई-पत्रिका के सहयोग से न्यू मीडिया सृजन संसार ग्लोबल फाउंडेशन प्रकाशन योजना के अंतर्गत विभिन्न विधाओं के साझा संग्रह के लिए रचनाएँ आमंत्रित है। रचनाएँ विधा अनुसार निम्नलिखित ईमेल पर भेजें।
साझा कहानी संग्रह हेतु :
[email protected] विषय : “साझा कहानी संग्रह प्रकाशन हेतु”
साझा काव्य संग्रह हेतु :
[email protected] विषय : “साझा काव्य संग्रह प्रकाशन हेतु”
साझा लघुकथा संग्रह हेतु :
[email protected] विषय : “साझा लघुकथा संग्रह प्रकाशन हेतु”
साझा व्यंग्य संग्रह हेतु :
[email protected] विषय : “साझा व्यंग्य संग्रह प्रकाशन हेतु”

साझा आलेख हेतु :
[email protected] विषय : “साझा ललित निबंध संग्रह प्रकाशन हेतु”
न्यू मीडिया सृजन संसार ग्लोबल फाउंडेशन विश्व भर में हिन्दी भाषा और साहित्य के प्रचार- प्रसार के लिए कृत संकल्पित संस्था है। न्यू मीडिया सृजन संसार ग्लोबल फाउंडेशन और विश्व हिन्दी सचिवालय, मॉरिशस के सहयोग से सृजन ऑस्ट्रेलिया अंतरराष्ट्रीय ई – पत्रिका नियमित रूप से अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियाँ एवं अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलनों का आयोजन कर रही है, जिनमें विश्व के विभिन्न देशों के प्रतिष्ठित साहित्यकार और हिंदी सेवी वक्ता के रूप में जुड़ते है और हजारों दर्शकों/श्रोताओं द्वारा ये कार्यक्रम देखे जाते हैं।
साहित्यकारों की मांग पर न्यू मीडिया सृजन संसार ग्लोबल फाउंडेशन अब साझा संग्रह प्रकाशन योजना आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा है।
न्यू मीडिया सृजन संसार ग्लोबल फाउंडेशन की साझा संग्रह प्रकाशन योजना में विभिन्न विधाओं के रचनाएँ प्रकाशित करवाने पर रचनाकारों को निम्नलिखित लाभ एवं सुविधाएं प्राप्त होंगी :-

  1. प्रत्येक रचनाकारों को डिमाई आकार के साझा संग्रह में छः पृष्ठ दिए जाएंगे। एक पृष्ठ पर रचनाकार का परिचय और शेष 5 पृष्ठों पर उनकी रचनाओं को स्थान दिया जाएगा।
  2. प्रत्येक सहयोगी रचनाकार को 5 पुस्तकें (काव्य संग्रह की 10 पुस्तकें) लेखकीय प्रति के रूप में दी जाएंगी।
  3. प्रत्येक साझा संग्रह का लोकार्पण न्यू मीडिया सृजन संसार ग्लोबल फाउंडेशन के सहयोग से सृजन ऑस्ट्रेलिया अंतरराष्ट्रीय ई-पत्रिका द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन / संगोष्ठियों में प्रसिद्ध साहित्यकारों के उपस्थिति में करवाया जाएगा।
  4. साझा संग्रह में जिन रचनाकारों की रचनाओं को संकलित किया जाएगा उन रचनाकारों को न्यू मीडिया सृजन संसार ग्लोबल फाउंडेशन द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों में अपनी रचनाओं पर बोलने का मौका दिया जाएगा।
  5. यदि कोई सहयोगी रचनाकार किसी कारणवश निर्धारित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों में किसी कारण उपस्थित नहीं हो पाता है तो उसे भविष्य में किसी अन्य अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों में अपनी रचनाओं पर बोलने का मौका दिया जाएगा।
  6. प्रकाशक द्वारा साझा संग्रह का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक प्रचार- प्रसार किया जाएगा। न्यू मीडिया सृजन संसार ग्लोबल फाउंडेशन द्वारा संचालित वेबसाइट, फेसबुक पेज, टेलीग्राम चैनल और सैकड़ों whatsApp समूहों के माध्यम से अधिक से अधिक साहित्य-प्रेमियों तक पहुंचाया जाएगा।
  7. साझा संग्रह की प्रख्यात विद्वानों द्वारा की गई समीक्षा को विभिन्न पत्र- पत्रिकाओं में प्रकाशित करवाया जाएगा।
  8. साझा संग्रह की प्रतियाँ राष्ट्रीय पुस्तालयों, ISBN एजेंसी व अन्य आवश्यक स्थानों पर भेजी जाएंगी।
  9. प्रत्येक रचनाकार को साझा संग्रह प्रकाशन योजना में शामिल होने के लिए मात्र रु. 2000/- (रुपए दो हजार केवल) । रचनाकारों द्वारा दी गई सहयोग राशि में रचनाओं का संपादन, पेज सेटिंग, कवर पेज डिजाइन, मुद्रण, पुस्तक भेजने का डाक व्यय व अन्य सभी संबंधित आवश्यक व्यय सम्मिलित हैं। उपरोक्त सहयोग राशि में डाक के माध्यम से पुस्तकों को केवल भारत के भीतर ही भेजा जाएगा। भारत से बाहर भेजने के लिए डाक व्यय अलग से देय होगा।
  10. साझा संग्रह की मांग के अनुसार अगले संस्करण(णों) का मुद्रण कराया जाएगा व प्रकाशक द्वारा यथासमय तय की जाने वाली रायल्टी को सभी रचनाकारों में बराबर-बराबर साझा किया जाएगा।
  11. विभिन्न संग्रहों के लिए विधा अनुसार निम्लिखित मानक तय किया गया है
    (अ) कहानी/व्यंग्य अधिकतम 1000 शब्दों की हो
    (आ) काव्य संग्रह हेतु 5-6 रचनाओं की कुल पंक्तियों की संख्या 100-110 हों
    (इ) ललित निबंध हेतु अधिकतम 1000 शब्दों की रचना हो
    (ई) लघुकथा हेतु प्रत्येक रचना अधिकतम 300 शब्दों की हो

2.रचनाएँ यूनिकोड फ़ॉन्ट में टाइप करके, वर्ड फ़ाइल में भेजें और इसे अपने नाम से सहेजें

  1. कृपया मानक वर्तनी का ही उपयोग करें, जैसे किए, लाए, जाए आदि (किये, लाये, जाये नहीं) कृपया केंद्रीय हिंदी निदेशालय के नियम देखें, वर्तनी शोधन कर लें, वर्तनी में एकरूपता रखें, हम नुक़्तों के उपयोग को शामिल करेंगे, लेकिन इन्हें तभी लगाएँ जब आप इनके उपयोग के बारे में निश्चित हों
    4.विरामादिविन्यास का सही उपयोग करें. विशेष रूप से ध्यान दें कि आप संवादों के लिए, कॉमा (डैश नहीं) और डबल या दोहरे इनवर्टेड कॉमा का उपयोग करें।
  2. यदि आपको कोई वाक्यांश या शब्द वगैरह हाइलाइट करना है, तो सिंगल या इकहरे इनवर्टेड कॉमा का उपयोग कर सकते हैं. अधूरी अभिव्यक्ति को दर्शाने के लिए एलिप्सिस या तीन बिंदियाँ केवल तीन ही लगाई जाती हैं, कम या ज़्यादा नहीं
  3. अस्पष्ट चीज़ों को स्पष्ट करें, बोधगम्यता बनी रहनी चाहिए
  4. मानव मूल्यों, समुदायों, विशेष रूप से स्त्री के प्रति अवमानना न हो
  5. जातिसूचक नामों का उपयोग न करें
  6. रचना में किसी भी व्यक्ति विशेष, समुदाय, वर्ग, धर्म, प्रदेश, देश आदि के प्रति नकारात्मक अभिव्यक्ति या आलोचना न हो
  7. बातों को अनावश्यक रूप से दोहराए नहीं
  8. अनावश्यक अभिव्यक्तियाँ न रखें, जो रचना पर बोझ हों
  9. रचना का शीर्षक आकर्षक रखें
  10. व्याकरण और प्रयोगों को ठीक कर लें
  11. नंबरों को शब्दों में लिखें, ज़रूरत होने पर अंतर्राष्ट्रीय अंकों 1,2,3 आदि काप्रयोग करें
  12. आपकी रचना की समीक्षा साथी लेखक द्वारा की जाएगी
  13. संपादकों के पास संपादन का अधिकार होगा और उनका निर्णय बाध्यकारी और अंतिम होगा
  14. आपको आपकी रचना प्रूफ़ शोधन के लिए दी जा सकती है
  15. रचना के साथ कृपया निम्नलिखित भेजें-
    i. इसका प्रमाण-पत्र कि रचना मौलिक है और किसी भी प्रकार के कॉपीराइट विवाद से मुक्त है।
    ii.रचनाकार का परिचय जिसमें निम्नलिखित सूचनाएं हों
  • जन्म स्थान, जन्म तिथि / वर्ष
  • माता-पिता का नाम
  • शिक्षा
  • प्रकाशित रचनाओं का संक्षिप्त विवरण
  • प्राप्त पुरस्कार एवं सम्मान
  • संप्रति / वर्तमान पदनाम, संगठन, शहर/जिला/ राज्य, देश
    iii. 40-50 शब्दों में रचना का सारांश, और
    iv. 40-50 शब्दों में रचना के कथ्य और अभिव्यक्ति से संबंधित उदाहरण सहित विशेषताएँ, जिन्हें भूमिका में शामिल किया जा सकता है
    किसी भी अन्य सूचना के लिए कृपया संपर्क करें : श्री मनोरंजन तिवारी, संपादकीय सहयोगी, साझा कहानी संग्रह प्रकाशन योजना, न्यू मीडिया सृजन संसार ग्लोबल फाउंडेशन :
    मोबाईल : +91 – 98990-18149 (कॉलिंग एवं वट्सऐप)
    नोट:– साझा संग्रह योजना एक निरंतर चलने वाली योजना है, हमारे पास जिन रचनाकारों की प्रविष्टियाँ आ चुकी है, उनके संग्रह तैयार करने का कार्य अंतिम दौर में है, आगे जो प्रविष्टियाँ भुगतान के साथ प्राप्त होती रहेगी, उन्हे क्रमशः नए संग्रहों में स्थान प्रदान किया जाएगा।



संवाद

[“संवाद” मनुष्य की मूलभूत जरूरत है, इसके बिना मनुष्य रह पाना ही मुश्किल हो जाता है। विशेष रूप से बुजुर्गों के लिए जिंदा रहने की चाह की तरह होता है “संवाद”]
अच्छा आओ कुछ बात करते है।
प्रश्न: तुम किसके लिए कमाते हो?
उत्तर: परिवार के लिए
प्रश्न: परिवार कौन?
उत्तर: मेरे बीबी- बच्चे
प्रश्न: सिर्फ बीबी- बच्चे क्यों? माँ – बाप, भाई- बहन क्यों नहीं?
उत्तर: वो तो अपना कमा रहे है/ उनका वे जाने/वो भी तो मुझे या मेरे बच्चों को कुछ नहीं देते। अब बहुत हुआ भाई….
प्रश्न : तुम देते हो क्या उनके बच्चों को? अच्छा छोड़ो यह,
ये बताओ, तुम्हारे बच्चे जब अपने बच्चों के बारे में सोचने लगेंगे तब तुम कहाँ जाओगे?
उत्तर : इनकी माँ की… इतनी हिम्मत है क्या? मेरी कमाई पर मुझे ही आँख दिखाएंगे? ऐसा कभी नहीं होगा, मेरे बच्चे ऐसे नहीं होंगे। संस्कार देना होता है बच्चों को, पढ़ा- लिखा कर आदमी बनाना होता है, तब बच्चे जीवनभर सम्मान देते है।

प्रश्न: मतलब तुम्हारे माँ- बाप ने तुम्हे संस्कार नहीं दिया? जितना उनकी औकात थी, बुद्धि थी पढ़ाया नहीं? कभी तुम्हारे पिता भी तो ऐसा ही कहते थे कि उनके बेटे ऐसे नहीं होंगे, तुम्हे याद नहीं है वो दिन जब खेतों में काम करते हुए तुम्हारे पिता कहते थे कि वह तुम्हे पढा- लिखा कर बड़ा आदमी बनाएंगे। जब तुम शहर पढ़ने जा रहे थे तो उस समय गाँव के नदी में पानी भरा था,तुम्हारे पिता तुम्हे कंधे पर बैठा कर नदी पार कराए थे। तब तुम भी कहते थे कि तुम ऐसा काम करोगे कि आप छाती खुशी से चौडी हो जाएगी, लेकिन तुम तो बिल्कुल उल्टा बन चुके हो।

उत्तर: नहीं, मैं ऐसा नहीं बना हूँ, और मेरे संस्कार अच्छे है, मैंने जीवन में संघर्ष किया है और सीखा है संस्कार- व्यवहार। मेरे साथ मेरे बाप ने गलत किया है, खुद के जिन्दगी में किये क्या है वे? बर्बाद करने के अलावा। मेरे भाइयों ने मेरे साथ गलत किया है। अब बस भाई मैं जीवन भर इनलोगों में ही उलझा रहूँगा तो मेरे बेटे को पढ़ने- लिखने के लाले पड़ जायेंगे, मेरी बेटी है, कौन देगा खर्च पढ़ाने- लिखाने और शादी करने के?

प्रश्न : भाइयों की छोड़ो, वे तो तुम्हारे जैसे ही होंगे, बाप गलत हो सकता है क्या? माँ- बाप अपने बच्चों को पालन – पोषण करते है। तुम भी तो अपने बच्चों का पालन- पोषण ही करते हो न? इससे ज्यादा क्या करते हो? तुम्हारे माँ- पिता ने भी तुम्हारा पालन- पोषण किया होगा, तभी इतने बड़े हुए हो, उनके पास जितना था, जैसी बुद्धि थी वैसे ही पालन किया है, लेकिन पालन तो किया है जरूर। अच्छा,तुम कितने साल के थे जब तुम्हे लगा कि तुम्हारे पिता गलत है/ कुछ नहीं किये जीवन में/बर्बाद किये है सब? उन्हे इस बात की सज़ा दी जानी चाहिए? कब लगा तुम्हे?

उत्तर : अ.. ब…. कब क्या? मुझे शुरू से पता था, लेकिन मैं कुछ नहीं बोलता था। मैं बोलता भी तो वो सुनते थोड़े, अपने- आप को बहुत बुद्धिमान समझते है। बुद्धिमानी में ही सब चौपट हो गया।
प्रश्न : शुरू से मतलब? तुम्हारे शादी के बाद से न? उसके पहले तो सब ठीक ही था ना? और वैसे ही बुद्धिमान तुम भी तो बनते हो न? कि सब काम अपने बेटों से इजाजत लेकर करते हो?

उत्तर : अरे यार, प्रॉब्लम बहुत पहले से है, पहले कौन सा वो कुछ उखाड़ लिए थे? जो भी किया है मैने ही किया है, शादी से पहले भी मैं ही सब करता था। इस घर में सबकुछ मैंने ही किया है। किसी ने कुछ नहीं किया है।

प्रश्न: क्यों किया? किसके लिए किया?

उत्तर : अपने परिवार के लिए किया, माँ- बाप के खुशी के लिए किया, परिवार के इज्जत/प्रतिष्ठा के लिए किया, मुझे क्या पता था कि मेरा सब लेकर मुझे ठेंगा दिखा देगा सब। मेरे साथ छल- कपट होगा, मैंने इज्जत के लिए वो सब किया था, कोई इज्जत करता है क्या मेरा?

प्रश्न : माँ -बाप को अब खुशी की जरूरत नहीं है क्या? तुम्हे तब पता नहीं था और अब कैसे पता है कि तुम्हरा बेटा/बेटी तुम्हारी सब कमाई खाकर एक दिन ठेंगा नहीं दिखा देंगे? अगर तुम्हारी पुरी कमाई पर तुम्हारे पिता का अधिकार नहीं है तो तुम्हारे कमाई पर तुम्हारे बच्चों का अधिकार कैसे हो सकता है? और सम्मान पाने के लिए सम्मान देना पड़ता है न? तुम सम्मान पाना चाहते हो या अपनी धाक जमाना चाहते हो? धाक किस पर जमाना चाहते हो? उन पर जिनके सामने तुम नंगे दौड़ते थे?

उत्तर : ………..मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है….. तुम क्या बोल रहे हो ? मैं बड़ा हूँ घर में, मेरा सम्मान नहीं होना चाहिए क्या? मैंने अपनी सारी जिन्दगी की कमाई इन्हे दे दी, मेरे भाइयों को मेरा सम्मान नहीं करना चाहिए क्या?

प्रश्न : तुम अपने से बड़ों का सम्मान करते हो? जिसने अपनी पुरी जिन्दगी ही तुम पर खर्च कर दिया हो, उसका सम्मान करते हो क्या? अभी तो अपने पिता को मूर्ख, सब नाश करने वाला बोल रहे थे। यही सम्मान होता है क्या? बचपन की बात याद करो, जो कुछ तुम्हारे पिता तुम्हारे लिए रोज करते थे, वह उनके लिए तुम कर सकते हो क्या? उनको स्नान करा सकते हो? मान लो उनका पैखाना निकल गया धोती में ही😢
तुम साफ कर दोगे क्या, बिना कुछ बोले, खुशी- खुशी। अच्छा अभी थोड़े दिनों पहले की ही बात करो, तुम्हारे लिए/तुम्हारे परिवार के लिए वो दिनभर चल कर जो काम करते थे, वही काम तुम उनके लिए कर सकते हो क्या?

उत्तर: ……..लेकिन वो ऐसे कैसे जो मुँह में आए वो बोल सकते है यार? उनको इतना तैश आ रहा था बुढ़ापा में तो मेरा खून उनसे कम गरम है क्या? वो बुड्ढे हो गए है तो जो समझाया जाता है, मानते क्यों नहीं? उनके जैसे और भी तो बुड्ढे है, चुपचाप बैठे राम- राम करना चाहिए….

भाई खून में गर्मी होती है तो शरीर मेहनत करता है, होठों पर मुस्कुराहट होती है, जीवन में सबकुछ अपने मेहनत से पाने की चाह होती है। उमंग- उत्साह- उल्लास होता है जीवन में। किसी के लिए कुछ करके खुशी होती है। अपना खून दान कर भी मन प्रफुल्लित रहता है ( यह वैज्ञानिक सत्य है) खून की गरमी जब कम होने लगती है तो मुँह चलता है, अफसोस होता है, आदमी कंजूस हो जाता है, जीभ ज्यादा स्वाद माँगने लगती है, नकारात्मक सोच आता है, नींद- चैन- सुकूँ कम आता है, जीवन भर की बातें दिमाग में उछलती रहती है, अपने ही प्रियजनों से हड़प कर जल्दी से धनवान बनने की इच्छा जागृत होने लगती है। तुम्हारे लक्षण खून गरम होने के है या ठंडा, यह तुम सोच लो…. लेकिन उनका खून ठंडा हो रहा है, उनका लक्षण स्पष्ट है।
तुम्हारे पास पैसे थे तो तुमने खर्च किए, तुमने वो पैसा अपने पिता को दिया, तुम्हारे पिता ने उस पैसे से पूरे परिवार को संभाला क्योंकि उनके लिए वैसे ही वो परिवार था, जैसे तुम्हारे लिए तुम्हारे बीबी- बच्चे है। गलती हर इंसान से होती है, एक गलती के बाद दूसरी होती है, फिर तीसरी होती है… यह सिलसिला ही जिन्दगी है। गलतियों को भूल कर जिन्दगी को गले लगाना ही उदेश्य है जीवन का, जब तुम छोटे बच्चे थे तब तुम्हारी कितनी गलतियों को माफ कर भी तुम्हे अपने गोद में लेने वाले तुम्हारे माँ- बाप ही थे न? दूसरी बात जब किसी को यह लगने लगे कि उसकी सारी कमाई माँ- बाप और भाइयों पर खर्च हुआ है और अब वक्त आ गया है कि हिसाब कर वसूल किया जाए तो समझ लो तुम्हारा खून ठंडा हो रहा है, बेईमानी- इर्ष्या, क्रोध जैसे तमाम नकारात्मक विचार तुम पर हावी हो रहा है समय से पहले ही तुम्हारा मन थक गया है, पुराना हो गया है। यही सही समय है किसी ऐसे साबुन से नहाने की जो तुम्हारे मन को धो सके। देखो तुम्हारे घर में ऐसा कोई साबुन है क्या? अगर ना मिले तो अपने माँ- पिता के पास जाओ, उनके पास रहती है ऐसी साबुन। कैसे भी तुम उन्हे बता देना कि तुम्हारा मन गंदा हो गया है, धोना चाहता हूँ।यह सुविधा भी बस चंद सालों के लिए उपलब्ध है, उसके बाद तुम अपने पिता की तरह हो जाओगे, किसी साबुन से नहीं धुलेगा तुम्हारा मन।




साझा कहानी/लघु कथा प्रकाशन योजना

साझा कहानी/लघुकथा संग्रह हेतु:
[email protected] विषय : “साझा कहानी/लघुकथा संग्रह प्रकाशन हेतु”
न्यू मीडिया सृजन संसार ग्लोबल फाउंडेशन विश्व भर में हिन्दी भाषा और साहित्य के प्रचार- प्रसार के लिए कृत संकल्पित संस्था है। न्यू मीडिया सृजन संसार ग्लोबल फाउंडेशन और विश्व हिन्दी सचिवालय, मॉरिशस के सहयोग से सृजन ऑस्ट्रेलिया अंतरराष्ट्रीय ई – पत्रिका नियमित रूप से अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियाँ एवं अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलनों का आयोजन कर रही है, जिनमें विश्व के विभिन्न देशों के प्रतिष्ठित साहित्यकार और हिंदी सेवी वक्ता के रूप में जुड़ते है और हजारों दर्शकों/श्रोताओं द्वारा ये कार्यक्रम देखे जाते हैं।
साहित्यकारों की मांग पर न्यू मीडिया सृजन संसार ग्लोबल फाउंडेशन अब साझा संग्रह प्रकाशन योजना आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा है।
न्यू मीडिया सृजन संसार ग्लोबल फाउंडेशन की साझा संग्रह प्रकाशन योजना में विभिन्न विधाओं के रचनाएँ प्रकाशित करवाने पर रचनाकारों को निम्नलिखित लाभ एवं सुविधाएं प्राप्त होंगी :-

  1. प्रत्येक रचनाकारों को डिमाई आकार के साझा संग्रह में छः पृष्ठ दिए जाएंगे। एक पृष्ठ पर रचनाकार का परिचय और शेष 5 पृष्ठों पर उनकी रचनाओं को स्थान दिया जाएगा।
  2. प्रत्येक सहयोगी रचनाकार को 5 पुस्तकें लेखकीय प्रति के रूप में दी जाएंगी।
  3. प्रत्येक साझा संग्रह का लोकार्पण न्यू मीडिया सृजन संसार ग्लोबल फाउंडेशन के सहयोग से सृजन ऑस्ट्रेलिया अंतरराष्ट्रीय ई-पत्रिका द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन / संगोष्ठियों में प्रसिद्ध साहित्यकारों के उपस्थिति में करवाया जाएगा।
  4. साझा संग्रह में जिन रचनाकारों की रचनाओं को संकलित किया जाएगा उन रचनाकारों को न्यू मीडिया सृजन संसार ग्लोबल फाउंडेशन द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों में अपनी रचनाओं पर बोलने का मौका दिया जाएगा।
  5. यदि कोई सहयोगी रचनाकार किसी कारणवश निर्धारित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों में किसी कारण उपस्थित नहीं हो पाता है तो उसे भविष्य में किसी अन्य अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों में अपनी रचनाओं पर बोलने का मौका दिया जाएगा।
  6. प्रकाशक द्वारा साझा संग्रह का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक प्रचार- प्रसार किया जाएगा। न्यू मीडिया सृजन संसार ग्लोबल फाउंडेशन द्वारा संचालित वेबसाइट, फेसबुक पेज, टेलीग्राम चैनल और सैकड़ों whatsApp समूहों के माध्यम से अधिक से अधिक साहित्य-प्रेमियों तक पहुंचाया जाएगा।
  7. साझा संग्रह की प्रख्यात विद्वानों द्वारा की गई समीक्षा को विभिन्न पत्र- पत्रिकाओं में प्रकाशित करवाया जाएगा।
  8. साझा संग्रह की प्रतियाँ राष्ट्रीय पुस्तालयों, ISBN एजेंसी व अन्य आवश्यक स्थानों पर भेजी जाएंगी।
  9. प्रत्येक रचनाकार को साझा संग्रह प्रकाशन योजना में शामिल होने के लिए मात्र रु. 2000/- (रुपए दो हजार केवल) । रचनाकारों द्वारा दी गई सहयोग राशि में रचनाओं का संपादन, पेज सेटिंग, कवर पेज डिजाइन, मुद्रण, पुस्तक भेजने का डाक व्यय व अन्य सभी संबंधित आवश्यक व्यय सम्मिलित हैं। उपरोक्त सहयोग राशि में डाक के माध्यम से पुस्तकों को केवल भारत के भीतर ही भेजा जाएगा। भारत से बाहर भेजने के लिए डाक व्यय अलग से देय होगा।
  10. साझा संग्रह की मांग के अनुसार अगले संस्करण(णों) का मुद्रण कराया जाएगा व प्रकाशक द्वारा यथासमय तय की जाने वाली रायल्टी को सभी रचनाकारों में बराबर-बराबर साझा किया जाएगा।

(1) कहानी अधिकतम 1000 शब्दों की हो
(2)लघुकथा हेतु प्रत्येक रचना अधिकतम 300 शब्दों की हो

2.रचनाएँ यूनिकोड फ़ॉन्ट में टाइप करके, वर्ड फ़ाइल में भेजें और इसे अपने नाम से सहेजें

  1. कृपया मानक वर्तनी का ही उपयोग करें, जैसे किए, लाए, जाए आदि (किये, लाये, जाये नहीं) कृपया केंद्रीय हिंदी निदेशालय के नियम देखें, वर्तनी शोधन कर लें, वर्तनी में एकरूपता रखें, हम नुक़्तों के उपयोग को शामिल करेंगे, लेकिन इन्हें तभी लगाएँ जब आप इनके उपयोग के बारे में निश्चित हों
    4.विरामादिविन्यास का सही उपयोग करें. विशेष रूप से ध्यान दें कि आप संवादों के लिए, कॉमा (डैश नहीं) और डबल या दोहरे इनवर्टेड कॉमा का उपयोग करें।
  2. यदि आपको कोई वाक्यांश या शब्द वगैरह हाइलाइट करना है, तो सिंगल या इकहरे इनवर्टेड कॉमा का उपयोग कर सकते हैं. अधूरी अभिव्यक्ति को दर्शाने के लिए एलिप्सिस या तीन बिंदियाँ केवल तीन ही लगाई जाती हैं, कम या ज़्यादा नहीं
  3. अस्पष्ट चीज़ों को स्पष्ट करें, बोधगम्यता बनी रहनी चाहिए
  4. मानव मूल्यों, समुदायों, विशेष रूप से स्त्री के प्रति अवमानना न हो
  5. जातिसूचक नामों का उपयोग न करें
  6. रचना में किसी भी व्यक्ति विशेष, समुदाय, वर्ग, धर्म, प्रदेश, देश आदि के प्रति नकारात्मक अभिव्यक्ति या आलोचना न हो
  7. बातों को अनावश्यक रूप से दोहराए नहीं
  8. अनावश्यक अभिव्यक्तियाँ न रखें, जो रचना पर बोझ हों
  9. रचना का शीर्षक आकर्षक रखें
  10. व्याकरण और प्रयोगों को ठीक कर लें
  11. नंबरों को शब्दों में लिखें, ज़रूरत होने पर अंतर्राष्ट्रीय अंकों 1,2,3 आदि काप्रयोग करें
  12. आपकी रचना की समीक्षा साथी लेखक द्वारा की जाएगी
  13. संपादकों के पास संपादन का अधिकार होगा और उनका निर्णय बाध्यकारी और अंतिम होगा
  14. आपको आपकी रचना प्रूफ़ शोधन के लिए दी जा सकती है
  15. रचना के साथ कृपया निम्नलिखित भेजें-
    i. इसका प्रमाण-पत्र कि रचना मौलिक है और किसी भी प्रकार के कॉपीराइट विवाद से मुक्त है।
    ii.रचनाकार का परिचय जिसमें निम्नलिखित सूचनाएं हों
  • जन्म स्थान, जन्म तिथि / वर्ष
  • माता-पिता का नाम
  • शिक्षा
  • प्रकाशित रचनाओं का संक्षिप्त विवरण
  • प्राप्त पुरस्कार एवं सम्मान
  • संप्रति / वर्तमान पदनाम, संगठन, शहर/जिला/ राज्य, देश
    iii. 40-50 शब्दों में रचना का सारांश, और
    iv. 40-50 शब्दों में रचना के कथ्य और अभिव्यक्ति से संबंधित उदाहरण सहित विशेषताएँ, जिन्हें भूमिका में शामिल किया जा सकता है
    किसी भी अन्य सूचना के लिए कृपया संपर्क करें : श्री मनोरंजन तिवारी, संपादकीय सहयोगी, साझा कहानी संग्रह प्रकाशन योजना, न्यू मीडिया सृजन संसार ग्लोबल फाउंडेशन :
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साझा शोध आलेख प्रकाशन योजना

शोध आलेख प्रतियोगित और साझा शोध आलेख प्रकाशन योजना इस योजना के तहत निर्धारित विषयों पर आधारित श्रेष्ठ 10 शोध आलेख को निशुल्क प्रकाशित किया जाएगा। सृजन ऑस्ट्रेलिया अंतरराष्ट्रीय ई-पत्रिका के सहयोग से न्यू मीडिया सृजन संसार ग्लोबल फाउंडेशन प्रकाशन योजना के अंतर्गत ISBN नंबर युक्त साझा शोध आलेख संग्रह प्रकाशित करने हेतु निम्नलिखित विषयों पर शोध आलेख आमंत्रित है। साझा शोध आलेख संग्रह हेतु रचनाएँ निम्नलिखित ईमेल ID पर भेजें: [email protected] विषय : “साझा शोध आलेख प्रकाशन हेतु”शोध आलेख भेजने की अंतिम तिथि: 30 जनवरी 2021 । संग्रह के लिए शोध आलेख चुने जाने के बाद सहयोग शुल्क स्वीकार किया जाएगा । न्यू मीडिया सृजन संसार ग्लोबल फाउंडेशन विश्व भर में हिन्दी भाषा और साहित्य के प्रचार- प्रसार के लिए कृत संकल्पित संस्था है। न्यू मीडिया सृजन संसार ग्लोबल फाउंडेशन और विश्व हिन्दी सचिवालय, मॉरिशस के सहयोग से सृजन ऑस्ट्रेलिया अंतरराष्ट्रीय ई – पत्रिका नियमित रूप से अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियाँ एवं अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलनों का आयोजन कर रही है, जिनमें विश्व के विभिन्न देशों के प्रतिष्ठित साहित्यकार और 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