अंतराष्ट्रीय महिला दिवस रचना भाग दो
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर रचना
भाग दो
स्वर साधना की आत्मा
ममता ममत्व का आँचल
कला काल भाव नारी
दुर्गा ज्वाला।।
इंदिरा लक्ष्मीबाई सरोजनी
कल्पना मरियम यशोदा
सती शीतल अंगार।।
चंचल चितवन शोख
अदा अंदाज़ प्रेम घृणा
कोमल कठोर खुशबू
खूबसूरत श्रृंगार।।
त्याग तपस्या राग रागिनी
विद्या वादिनी वीणा की झंकार।।
जन्म दायनी वात्सल्य
बैभव विशाल
कामिनी ग़ज़ गामिनी
काल कराल विकट विकराल।।
पृथ्वी पतित पावनी
सृष्टि युग समाज का स्वाभिमान।।
नन्दलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
गोरखपुर उत्तर प्रदेश