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काश तुम होते

काश तुम मेरी ज़िंदगी में जो होते
ज़िंदगी से इतनी शिकायत न होती।।

वफ़ा ज़िंदगी में बेवफाई न होती मोहब्बत के हम भी मसीहा ही होते जिंदगी में इतनी रुसवाई न होती।।

काश तुम मेरी जिंदगी में जो होते जिंदगी से इतनी शिकायत न होती।।

ख्वाहिसों कि चाहत हकीकत की जिंदगी इश्क कि इतनी दीवानगी न होती ।।

काश तुम मेरी जिंदगी में जो होते जिंदगी से इतनी शिकायत न होती।।

जूनून जिंदगी का मकसद कि मंजिल तूफां कि मंजिलों से इतनी शिकायत न होती।।

काश तुम मेरी जिंदगी में जो होते जिंदगी से इतनी शिकायत न होती।।

जिंदगी में दोस्त कम दुश्मन बहुत दोस्तों से शिकवा दुश्मनो कि इतनी इनायत न होती।।

जज्बों कि जिंदगी रिश्तों का जहाँ रिश्तों में इतनी कवायत न होती।।

काश तुम मेरी जिंदगी में जो होते जिंदगी से इतनी शिकायत न होती।।

नादा मोहब्बत निभाने का वादा कशमकश कि जिंदगी में कशिश इबादत न होती।।

काश तुम मेरी जिंदगी में जो होते जिंदगी से इतनी शिकायत न होती।।

जिंदगी का सफर आरजू की ख़ुशी
जिंदगी गम के आंसुओ कि सुराही न होती।।

काश तुम मेरी जिंदगी में जो होते जिंदगी से इतनी शिकायत न होती।।

जिंदगी ख़ुशी गम कि साकी शराब जिंदगी नशा गम जुदाई न होती।

काश तुम मेरी जिंदगी में जो होते जिंदगी से इतनी शिकायत न होती।।

नन्दलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर