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मनोरमा शर्मा की कविता – ‘दीपावली’

शैली : हाईकु

दीप जलाओ
बनाओ घरौंदों को
आई दिवाली।

पूजा का थाल
फल फूल से भरो
है दीपावली।

दिन है यह
शुभ मानते लोग
महोत्सव में।

नए कपड़े
बाजार में दिखते
पहने सब।

घर है साफ
सजती है दुकान
दीपोत्सव है।

लक्ष्मी गणेश
सजते हैं सर्वत्र
पूजन हेतु।

महापर्व में
बनाते हैं रंगोली
खुश हैं सब।

संपर्क : मनोरमा शर्मा, हैदराबाद, तेलंगाना