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गुलाम

गुलाम 3 –

रेत रेत खेलती लङकियों ने
फैसला किया
अब नहीं खेलेंगे रेत रेत
और  कुछ हाथों ने अचानक
 बन्दूक थाम लिया
नेस्तोनाबूत कर दिए गये
कितनी गुङियों के घर
तोङ दी गई कलमें
फाङ डाले गए कई महाकाव्य
और गिरा दिए गए
पुरातन सभ्यताओं में निर्मित
रेत के महल।
छप तो सकती थी
यह खबर भी
तमाम ऊल जलूल खबरों की तरह
मगर सभी समाचार पत्रों द्वारा यह
एक एक कर नकार दी गई
आखिर औरतें सृष्टि के आदिम विचारों
की सहभागी नहीं
उन्हें नहीं मालूम उत्तर कोरिया की
सीमा रेखा की हलचल
न फ्रांस के राष्ट्रपति का नाम ही
वो बहस नहीं करती मार्क्स वाद पर
जबकि ये सभी मुद्दे
उन्हें आजाद कर सकते हैं।
उनकी अपनी खुद की गुलामी से
जो चुनी गई है
उन्हीं के द्वारा ही
उनके खुद के लिए।