बलिदान दिवस और आज का युवा
युवा आम सभी होते
कुछ कर गुजरने की अभिलाषा
वाले विरले ही होते।।
राष्ट्र समाज की चेतना जागरण
पर मर मिटते वाले दुनियां के इतिहासों
में अमर होते।।
सिंह भगत की गर्जना अनवरत
गूंज रही है आज भी बन शौर्य शंखनाद।।
युवा उत्साह का अविनि आकाश गुरु कर्म ,धर्म के कुरुक्षेत्र का युग युवा ओज जिसे कहते।।
जीवन के सुख की परिभाषा
रचने वाला राष्ट्र को समर्पित
जीवन ,जीवन का नया आयाम
गढ़ने वाला युग युवा स्वाभिमान
रचने वाले युवा तेज जिसे कहते।।
भगत सिंह ,सुखदेव ,राज गुरु
नाम नही काल धन्य धरोहर है
त्याग ,बलिदानों की मर्म महिमा
युग युवा कर्तव्य बोध का भान
जिसे कहते।।
स्वतंत्र राष्ट्र हिंदुस्तान की पीढ़ी वर्तमान
युवा के पथ प्रदर्शक
दिशा दृष्टि सोपान जिसे कहते।।
माँ भारती के वीर सपूतों की
गाथा निष्काम कर्म धर्मयुद्ध
जीवन का संग्राम है जिसे कहते।।
जीवन मोह, पश्चाताप ,भय
से मुक्त जीवन मूल्य त्याग
बलिदान जिसे कहते ।।।
बलिदान
दिवस या सहादत का दिन
चाहे जो भी कह लो
राष्ट्र भक्त के बलिदानों का हम तो हिंदुस्तान जिसे कहते।।
युवा उमंग उल्लास माँ भारती की वेदना गुलामी की बेड़ियोँ को तोड़ने
युग युवा साथ निकल पड़े।।
हंसते हंसते फांसी के फंदे
पर झूल गए हिंदुस्तान जिंदाबाद
कहते कफ़न तिरंगा ओढ़ गए।।
ना जाने कितने ही यातना को फूलों का हार मान स्वीकार किया हँसते
कहते चले गए खुश रहो देश के
वासी हम तो मातृ भूमि की माटी का
चंदन माथे पर लिये चले गए।।
युवा भगत सिंह ,राजगुरु ,सुखदेव के
त्याग बलदानो का मोल हम क्या देंगे
यदि कुछ दे सकते है तो कहती है
लाहौर जेल की दीवारें जहाँ युवा
फाँसी के तख्तों पर झूल गए।।
पुणे खेड़ा, लुधियाना पंजाब ,बंगा
जो अब है पाकिस्तान की माटी का
कण कण बोल रहा युवा उठो जागो
भगत सिंह ,राजगुरु ,सुखदेव सा तुन्हें
देख सके।।
गर्व करे राष्ट्र तुम पर वीर सपूतों ने
जिसकी खातिर प्राणों का बलिदान
किया जाते जाते अपनी अभिलाषा
अतीत के पन्नो से वर्तमान के उपहार
दिये गए।।
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उत्तर प्रदेश