है जन्म लिया मानव तन में तो नारी का सम्मान करो..
*है जन्म लिया मानव तन में तो नारी का सम्मान करो*
मानवता हमें सिखाती है ये सृष्टि जननी कहलाती है
माँ का फर्ज निभाती है जब जन्म हमें दे जाती है
चाहे भूखी रह जाये पर हमें खिलाए नहीं वो खाती है
भाई हमें बनाती है जब बहन रूप में आती है
घर को भी स्वर्ग बनाती है जब पत्नी रूप घर आती है
सोए भाग जग जाते हैं जब बेटी बन जन्म हो जाती है
मानवता के नाते ही कम से कम तो इंसान बनो
है जन्म लिया मानव तन में तो नारी का सम्मान करो ………।
जब तक पर्दे के पीछे है तब तक यह अबला नारी है
जब दुष्टों का संहार किया दुर्गा-काली बन जाती है
जब अपनों पर आ जाए तो झांसी रानी कहलाती है
फिर भी कुछ-कुंठ विचारों ने नारी का है अपमान किया
ब्रम्हा- विष्णु -शिव शंकर ने नारी को सम्मान दिया
हर मजहब हमें सिखाता है मत नारी का अपमान करो
जो भी तुमने है पाप किया उन पापों का उद्धार करो
है जन्म लिया मानव तन में तो नारी का सम्मान करो ………..।
पूरा ही जग अब बदल चुका हर विभाग- हर क्षेत्र में नारी है
स्कूटर की बात छोड़ो,जहाज की कमान संभाली है
खेलों के मैदानों में भी करतब ये खूब दिखाती है
मेडल लेकर हर खेलों में देश का मस्तक उठाती है
कुछ कर ना सको तो नारी गौरव में इसके शक्ति को प्रणाम करो
है जन्म लिया मानव तन में तो नारी का सम्मान करो……..।
*कुमार बिजेन्द्र*
*प्राथमिक विद्यालय रतनुआ*
9304643237