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कर्म बोध की कन्या नारी अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस काव्य प्रतियोगिता

कर्म बोध की कन्या
दुष्ट दमन की दुर्गा
ब्रह्म ब्रह्मांड।।
कर्म धर्म की संस्कृति
युग समाज राष्ट्र विश्व
समाज की संस्कृति
संस्कार सत्यार्थ प्रकाश।।
भाग्य भविष्य की प्रेरणा
नैतिक नैतिकता रिश्तों का
आधार।।
पुषार्थ प्रेरणा की गहना बहना
उत्कर्ष उत्थान की सम्मान।।
नारी अबला कमजोर नहीं
युग विश्व समाज राष्ट्र की
प्रेरणा प्रतिष्ठा जीवन मूल्यों की
गौरव महिमा मशाल।।
शांत शौम्य काल काली
अमृत विष मान आरजू अरमान।।
योग्य योग्यतम नारी
सभ्य समाज की आधार।।
अपमान नही तिरस्कार नही
अस्तित्व इज़्ज़त मानव
मानवता का अंगीकार।।
शिक्षित सशक्त नारी
दृष्टि दिशा सृष्टि की नारी
मानव मानवता विश्व समाज में
वर्तमान शानदार रचती स्वर्णिम
इतिहास।।    

नन्दलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उत्तर प्रदेश