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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस प्रतियोगिता नारी और मर्यादा

मर्यादाओं महत्व का
करना है समाज विश्व
राष्ट्र निर्माण।।
साहस शक्ति की नारी
विश्व समाज राष्ट्र का
अभिमान।।
बेटी हो नाजों की
खुले पंख अंदाज़ों की
समाज विश्व राष्ट्र चेतना की
जागृती जांबाज़ इरादों की
नाज़।।
जननी है शौर्य पराक्रम की
तारणी धारणी सद्भावों का
प्रभा प्रवाह।।
निर्मल निर्झर गंगा की
धारा धन्य धरा का
साम्राज्य।।
क्रांति कीर्ति की हाला बाला
मधुशाला ज्वाला क्षमा करूणा की
सागर क्रोध रौद्र रुद्रांश।।