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देश भक्ति काव्य लेखन प्रतियोगिता

 

 

 

परिचय: 

 नाम   –  डॉ . पद्मावती

जन्म स्थान -दिल्ली,

मातृ भाषा-   तेलुगु

शैक्षिक योग्यता – एम ए ,एम फ़िल , पी.एच डी , स्लेट. (हिंदी)

अध्यापन कार्य -गत 15 वर्षों से हिंदी भाषा साहित्य का अध्ययन और अध्यापन कार्य,   महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में अतिथि व्याख्यान .

   प्रकाशन   –   विभिन्न पत्र -पत्रिकाओं में 10 से अधिक शोध आलेखों का प्रकाशन .

राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगोष्टियो में प्रतिभगिता और शोध पत्रों का प्रस्तुतीकरण .

प्रसारण-   आकाशवाणी पर आलेखों का प्रसारण .

विभिन्न साहित्य शिविरों और कार्यशालाओं में सक्रिय सहभागिता .

रुचि-  दर्शन , इतिहास , यात्रा, साहित्य में विशेष रुचि .

सम्पर्क;  सहायक आचार्य, हिंदी विभाग, आसन मेमोरियल महाविद्यालय ,चेन्नई, तमिलनाडु.

[email protected]                     9789924539, 9080232606

 

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                               धन्य धन्य ये भारत भूमि.

                         वंद्य  वंद्य हे भारत भूमि !!!!!!

मधुमय स्वर्णिम  पावन भूमि,

संत विभुओं की तपोवन  भूमि,

स्वर्ग तुल्य  मनोहारी  भूमि, 

अनुपम श्रद्धा का आधार यह भूमि !!!

 

भक्तानुरागियों की है वैराग्य भूमि,

वीर सुपूतों की यह है कर्म भूमि,

अतुल संपदा का भण्डार है यह भूमि,

प्रेम रस पूरण अमृतमयी है स्वर्ण भूमि !!1!

 

 

है यह वह भूमि जिसने जगत  को ,

प्रेम  सुधा का  है घूँट पिलाया,

 क्षमा ,त्याग, करुणा आदर्श  है इसके ,

ध्यान योग का है मंत्र सिखाया !!!!!

 

ज्ञान वृष्टि की कुसुमित भूमि,

त्याग  बलिदानों से  मुकुलित  भूमि,

विश्व विजयी है भारत भूमि,

शांति, अहिंसा तप की भूमि !!!!

 

 

इस मिट्टी से उगता है सोना,

ब्रह्मांड उदर का कोना कोना ,

तृप्त  कल-कल अमृत नदियाँ,

कृष्ण, कावेरी  गंगा ,जमुना !!!!

 

ललाट है भाल स्वरूप हिमालय ,

तीर्थ-स्थलों की पावन भूमि.,

द्वादश ज्योतिर्लिंग उदर में,

बद्री, कैलाश समागम भूमि  !!!!!  

 

पूरब का है  प्रहरी पर्वत ,

सुंदर बन से सघन विपिन वन,

हरित हरितिमा से आलोड़ित,

बहती पवन गुंजार करती यह भूमि.!!!

 

पश्चिम में है अतुल पयोनिधि ,

गहन विशाल लहरों की परिधि,

रक्षा करती शत्रु से अविचल,

अनल उगलती नीचे तपती मरुभूमि   !!!!!

 

दक्षिण का है दिव्य वैभव,

पद- प्रक्षालन करें त्रिदिश रत्नाकर,

भव्य उत्तुंग शिखर से मंदिर,

ज्ञान, भक्ति ,कला की संगम भूमि   !!!!!

 

 

कबीर, मीरा,  टैगोर की भूमि,

नामदेव, आसन, भारती की  भूमि,

 विवेक, महावीर ,बुद्ध  की यज्ञ भूमि,

शंकर, मध्व, रामानंद ,चैतन्य की आनंद भूमि   !!!!!!!

 

यहाँ ज्ञानियों की दिव्य दृष्टि ने ,

भू मण्डल  आलोकित किया,

सदियों पूर्व ही धरा और नक्षत्रों के,

समय ,दूरी का ज्ञान दिया   !!!!

 

अंड ,पिंड, ब्रह्मांड का  ज्ञान,

सृष्टि का गूढ़  छद्म  संज्ञान ,

अजर अमर संतों की वाणी  ,

 साक्षी भूत निरूपित करती  यह योग भूमि  !!!!

 

यह भूमि है कई रंगो की,

कई बोलियों की, कई भाषाओं की ,

हर प्रदेश की अपनी बोली,हर प्रदेश की अपनी भाषा,

लेकिन एक संस्कृति, एक आचार ,एक विचार की पोषक भूमि !!!!!

 

है  प्रार्थना ईश्वर से, किया धन्य दे कर जन्म यहाँ,

आगे  करना एक अनुग्रह, हर बार जन्म ले इस भूमि पर ,

हर बार जन्म ले इस भूमि पर ,यह है एक आकांक्षा मेरी,

तारण मोक्ष प्रदात्री भूमि,तारण  मोक्ष प्रदात्री भूमि !!!!

 

धन्य धन्य है भारत भूमि,

वंद्य वंद्य है पावन भूमि !!!1!

 

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