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देशभक्ति काव्य पाठ प्रतियोगिता हेतु

जनम जनम का रिश्ता 

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यह रिश्ता प्यारा जनम जनम का,

मैं किस तरह, इसे इजहार  करूँ ,

संकट से भरा यह भाजन हमारा, 

सुख से कैसे तुम्हारा आभार करूँ ।1।

कंटकों भरी मेरी जीवन की बगिया,

इस चुभन से कैसे अब आकार गढूँ,

इस काटों से यूँ हमने फूल चुन लिये,

किस भाव से, मैं अब कुरबान करूँ ।2।

बन जाओ, हमारे मन मंदिर की देवी,

तन समर्पण कर मैं तेरा अनुराग बनूॅ,

अक्षत,रोली से पूजा थाली सजाकर,

सुबह शाम मैं अर्पण को आगाज करूँ ।3।