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क्यों पढ़े संस्कृत हम

देशभक्ति काव्य – लेखन प्रतियोगिता

क्यों पढ़े संस्कृत हम

ज्ञान की यह खान
संस्कृति की पहचान
भाषाओं की जननी
देवभाषा है महान।
गागर में सागर समाहित
सदियों से यह आदृत।
वेद ऋचाएँ गंगा – सी
श्लोकों में धारा अमृत की।
यह मनीषियों की तपस्या
आज है कंप्यूटर की भाषा।
श्रवण से स्मरण-शक्ति बढ़ती
वाचन से जिह्वा है टूटती।
शिक्षा के हर क्षेत्र में अब्बल,
जीवन पथ का सक्षम सम्बल।
दुश्मनों की चोट सहती आई
आओ करें चोटों की भरपाई
संतानों को जागरूक करें
जीवन दायिनी संस्कृत भरें।

मौलिक और अप्रकाशित

गणेश चंद्र शाह

असिस्टेंट प्रोफेसर
रामलखन सिंह यादव कॉलेज
बेतिया , बिहार