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देशभक्ति-काव्य लेखन प्रतियोगिता” हेतु कविता – राष्ट्र वंदना

मुक्त चित् प्राण मन से, अहो
राष्ट्र की वन्दना हम करें
शुद्ध चित् प्राण मन से, अहो
अभ्यर्थना हम करें
राष्ट्र ही शक्ति है
राष्ट्र ही भक्ति है
राष्ट्र में ही हमारी भी
अभिव्यक्ति है
मुक्त चित् प्राण मन से, अहो
राष्ट्र की वन्दना हम करें
शुद्ध चित् प्राण मन से, अहो
राष्ट्र अभ्यर्थना हम करें
राष्ट्र ही आन है
राष्ट्र ही बान है
राष्ट्र से ही हमारी
खिली शान है
मुक्त चित् प्राण मन से, अहो
राष्ट्र की वन्दना हम करें
शुद्ध चित् प्राण मन से, अहो
राष्ट्र अभ्यर्थना हम करें
राष्ट्र सर्वस्व‍ है
राष्ट्र संरक्ष्य है
राष्ट्रहित में हमारा भी
भवितव्य है
मुक्त्त चित प्राण मन से, अहो
राष्ट्र की वन्दना हम करें
शुद्ध चित् प्राण मन से, अहो
राष्ट्र अभ्यर्थना हम करें
राष्ट्र ही सत्व है
राष्ट्र ही तत्व है
राष्ट्र गतिमान है
राष्ट्र गंतव्य है
मुक्त चित् प्राण मन से, अहो
राष्ट्र की वन्दना हम करें
शुद्ध चित् प्राण मन से, अहो
राष्ट्र अभ्यर्थना हम करें