आत्मविश्वास
घनघोर बरसातों के बाद तृप्त धरा ही,
मनोहर हरियाली की चादर चढती है,
चिलचिलाती धूप से खलिहान में रखी,
फसल ही लोगों की थाल परोसती है,
युगों से लिखा इतिहास दिलाता हर
अहसास पनपते घटना परिणामों पर,
जीत हमेशा होगी हर भीषण संघर्षों में,
अडिग बना रहे, हाॅ विश्वास है खुद पर।1।
हर घुप अंधेरी रात के बाद झुटपुटे भोर के
दिवस का उल्लास लिए आगाज होता है,
शान्त खडे पेडो में बैठे परिंदों के घोसले में,
हर नये उन्मुक्त जीवन का अंदाज होता है।
हर वनवास बदा होता,अधर्म के नाश पर,
अडिग बना रहे हाँ विश्वास खुद पर ।2।
वह सीधी लहर होती जो पर्वत से टकराती,
और निरन्तर टकराकर उसे चूर चूर कर जाती,
हर निद्रा में ही होता नव रक्त शक्ति संचार
महामना बनाकर देता नवयुग का निर्माण
बिजली बनती है सदैव जल के अवरूद्ध पर,
अडिग बना रहे,हाँ विश्वास खुद पर ।3।
वर्तमान के संकट ने जरूर बडा कहर बरपाया है,
अपने अडिग विश्वास से ही इसे जरा रोक पाया है
अब बुद्धि जागरूकता धैर्य का लेना संज्ञान,
जाति भेद और अज्ञानता का करना है वलिदान,
नया सवेरा आयेगा,खुद अपने अंदाज पर
अडिग बना रहे, हाॅ मुझे विश्वास खुद पर ।4।