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अहसास- पिता होने का

हम तो चाॅद सितारे, उस परिवार के,

जिसमें पिता एक आकाश होता है।

जिसके रोशनी से दमकते पूरा घर,

वह तो पिता का ही प्रकाश होता है।1।

आसमां से ऊंची होती जगह कहीं, 

तो वह बस,पिता का स्थान होता है।

कंधों पे बैठा लेते,तब लगता मुझको,

इस सारे जगत का अभिमान छोटा है।2।

दुलार पर कह सकते नहीं तुम्हें,

पर चुप्पी में छुपा यार नजर आता है।

हमारी खुशी में लाखों गम भूल जाते,

मेरी तोतली पे दिलबाग नजर आता है।3।

जोश आ जाता जग जीतने का जब,

मेरी हथेली तुम्हारी ऊँगली पकड लेती,

परिवारों का आदर्श बन जाते तभी तुम,

मेरी कामयाबी जब चार चाँद लगा लेती।4।

तुम नहीं,तो लगता इस घर की छत नहीं, 

जरा सी हवा में,ये तूफान नजर आता है।

आग के गोले से लगते बन्धुबान्धव मेरे,

झरोखे से,ये शहर वीरान नजर आता है।5।